ऋषिकेश में रच गया इतिहास, 22 साल की मुस्कान बनीं उत्तराखंड की सबसे कम उम्र की पार्षद


Agency:News18 Uttarakhand

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मुस्कान ऋषिकेश के श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की एमए की छात्रा हैं. वह पहले अपने कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं लेकिन चुनाव रद्द होने के चलते उन्हें यह मौका नहीं मिल पाया. इसके बाद उन्होंने …और पढ़ें

Rishikesh: 22 साल की मुस्कान बनीं उत्तराखंड की सबसे कम उम्र की पार्षद

मुस्कान उत्तराखंड की सबसे कम उम्र की पार्षद हैं.

ऋषिकेश. उत्तराखंड में निकाय चुनाव (Uttarakhand Civic Elections 2025) संपन्न हो चुके हैं. कई जगहों पर नतीजे चौंकाने वाले रहे. दरअसल इस चुनाव में कई रोचक परिणाम देखने को मिले, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा ऋषिकेश नगर निगम के वार्ड नंबर 31 से जीतने वालीं 22 साल की मुस्कान की हो रही है. मुस्कान ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और बड़े राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की. वह उत्तराखंड की सबसे कम उम्र की निर्दलीय महिला पार्षद बन गई हैं. उनकी इस उपलब्धि पर हर कोई उन्हें बधाई दे रहा है.

मुस्कान ऋषिकेश के श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई कर रही हैं. वह पहले अपने कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं लेकिन चुनाव रद्द होने के कारण उन्हें यह मौका नहीं मिल पाया. इसके बाद उन्होंने नगर निगम चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरीं.
शुरुआत में उनकी उम्मीदवारी को लेकर अधिक चर्चा नहीं थी लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान युवाओं और स्थानीय जनता का उन्हें जबरदस्त समर्थन मिला. उनकी सादगी, स्पष्ट विचार और क्षेत्र के विकास को लेकर उनकी प्रतिबद्धता ने जनता को प्रभावित किया. अंततः उन्होंने महज 28 वोटों के अंतर से जीत हासिल कर इतिहास रच दिया.

वार्ड की जनता का आभार जताया
जीत के बाद मुस्कान ने सबसे पहले अपने वार्ड की जनता का आभार जताया. उन्होंने कहा कि यह जीत सिर्फ उनकी नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की जनता की जीत है, जो बदलाव चाहती थी. मुस्कान ने कहा, ‘मैं एक युवा प्रत्याशी थी, इसलिए जनता ने मुझपर भरोसा जताया. युवाओं और आम नागरिकों ने मुझे समर्थन दिया और अब मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उनके विश्वास पर खरी उतरूं. मैं अपने वार्ड में विकास कार्यों को प्राथमिकता दूंगी. सड़क, स्वच्छता, जल आपूर्ति और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दूंगी.’

छोटे प्रयास और बड़ी जीत
मुस्कान के प्रचार अभियान की खास बात यह थी कि उन्होंने बहुत बड़े संसाधनों का उपयोग नहीं किया. उनका प्रचार सीधा, सरल और जनता से जुड़ा हुआ था. उन्होंने घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और अपने विचार साझा किए. युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों और महिलाओं ने भी उन्हें समर्थन दिया.

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