एआई, क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्र में भारत अमेरिका बढ़ा सकते हैं सहयोग: स्टैनफोर्ड के प्रोफेसर



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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस माह के अंत में होने वाली अमेरिका यात्रा से पहले स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने कहा कि भारत और अमेरिका स्वास्थ्य के लिए कृत्रिम मेधा, जांच, मानव क्षमता निर्माण और जैव सुरक्षा जैसे चार क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ा सकते हैं और इसके जरिए स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में सहयोग को अगले स्तर तक पहुंचाया जा सकता है. विश्वविद्यालय के .प्रोफेसर (मेडिसिन, कार्डियोवैस्कुलर मेडिसिन) अनुराग मायराल ने कहा ,‘‘ मेरे हिसाब से चार ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत और अमेरिका साझेदारी बढ़ा सकते हैं.”

उन्होंने कहा कि भारत में बहुत से लोग हैं जो अब भी अच्छी स्वास्थ्य देखभाल सुविधा से वंचित हैं और भारत अपने ‘आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन’ के जरिए इसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है.

मायराल ने कहा, ‘‘ अमेरिका में अपार क्षमताएं है और वह ऐसे स्थान की तलाश कर रहा है जहां कृत्रिममेधा आधारित साजोसामान और अच्छी तरह से तैयार किए जा सकें। निसंदेह, ऐसा करने के लिए भारत से अच्छी जगह कोई नहीं हो सकती.”

पिछले डेढ़ वर्षों में भारत सरकार के शीर्ष अधिकारी सिलिकॉन वैली आ कर सरकार के प्रयासों के तहत पारिस्थितिकी के संबंध में स्टैनफोर्ड के प्रोफेसर से जानकारी ले चुके हैं.

उन्होंने कहा,‘‘ भारत और अमेरिका के पास पूरक जरूरतें और दक्षताएं हैं और उन एआई आधारित उपाय के लिए भारत अमेरिका के साथ मिलकर या अमेरिका भारत के साथ मिलकर काम करे. उदाहरण के तौर पर, आपके पास आशा कार्यकर्ता हैं जो अंतिम छोर पर काम कर रही हैं और वे वहां स्थानीय आबादी से जुड़े काम देख रही हैं. आप कल्पना कर सकते हैं कि एआई आधारित एक मंच इन आशा कार्यकर्ताओं को न केवल यह समझा सकता है कि समुदाय के लोगों का स्वास्थ्य कैसा है बल्कि यह कुछ प्रशिक्षण के साथ मौके पर ही किसी प्रकार की चिकित्सा या किसी प्रकार का समाधान प्रदान करने में उन्हें सक्षम करेगा.”



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