एक दिन की क्लास और लॉकडाउन की मार ने कैसे बनाया मिताली को केक मास्टर, जानें कहानी


मुंबई: कोरोना लॉकडाउन के दौरान, जब बाहर जाने पर पाबंदियां थीं, कई लोगों ने अपने घरों में ही जन्मदिन मनाया और खुद केक बनाना शुरू किया. इसी समय, कई लोगों ने केक बनाने का हुनर सीखा और कुछ ने इसे एक व्यवसाय के रूप में भी स्थापित किया. मुंबई की मिताली दातार भी ऐसी ही एक महिला हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान केक बनाने के अपने शौक को एक सफल व्यवसाय में बदल दिया.

मिताली की कहानी
मिताली ने कॉलेज के दौरान एक दिवसीय केक बनाने की कार्यशाला में भाग लिया था. इसके बाद, जब लॉकडाउन शुरू हुआ, तो उन्होंने अपने दोस्तों के लिए केक बनाना शुरू किया. दोस्तों को उनके केक इतने पसंद आए कि उन्होंने मिताली से ऑर्डर देने शुरू कर दिए. शुरुआती दिनों में, मिताली के पास ओवन और फ्रिज जैसे उपकरण नहीं थे, इसलिए वह अपने दोस्त के घर जाकर केक बनाती थीं.

परिवार का समर्थन और व्यवसाय की शुरुआत
हालांकि मिताली प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थीं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी. उनकी मां चाहती थीं कि मिताली एक सरकारी अधिकारी बनें, लेकिन 2022 की शुरुआत में, परिवार ने मिताली को केक व्यवसाय पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया. परिवार के समर्थन से मिताली ने पूरे आत्मविश्वास के साथ केक का बिजनेस शुरू किया और धीरे-धीरे ऑर्डर लेना शुरू कर दिया.

सफलता की ओर कदम
अब 25 साल की मिताली न केवल कलाकारों और बड़े कार्यालयों से केक के ऑर्डर लेती हैं, बल्कि उनका विलेपार्ले ईस्ट में एक स्टॉल भी है, जहां उनके बेकरी और केक उत्पाद बहुत जल्दी बिक जाते हैं. उन्होंने यह स्टॉल इसलिए शुरू किया ताकि वे अपने ग्राहकों तक पहुंच सकें और इस कदम से उनके ऑर्डर में भी बढ़ोतरी हुई है. मिताली की यह यात्रा छोटे उद्यमियों के लिए प्रेरणादायक है, जो यह दर्शाती है कि जुनून और मेहनत से किसी भी शौक को सफल व्यवसाय में बदला जा सकता है.

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