एक साल की रिसर्च के बाद पति-पत्नी ने शुरू किया मिलेट्स का स्टार्टअप, अब हर महीने इतनी है खपत, After a year of research, the husband and wife together started a millets startup now 500 kg is being consumed every month 


पटना. ऐसा कहते हैं ‘हर सफल व्यक्ति के पीछे एक औरत का हाथ होता है’ पर आज हम जिस महिला उद्यमी की कहानी आपको बताने जा रहे हैं उनकी सफलता के पीछे उनके पति का हाथ है. जी हां, पटना के कांटी फैक्ट्री के रहने वाले आरके रंजन और उनकी पत्नी तनुजा ने जनवरी 2024 में मिलेट्स यानी (ज्वार, बाजरा, कोदो आदि मोटे अनाज) का स्टार्टअप गृह उद्योग के रूप में शुरू किया था. अब वे और उनकी पत्नी तनुजा देशभर से 09 प्रकार के मोटे अनाजों को मंगवाकर उसकी प्रोसेसिंग और पैकेगिंज कर बेचते हैं.

ऐसे शुरू हुई उद्यमी बनने की कहानी
2014 में सोशल वर्क से ग्रेजुएट 38 वर्षीय तनुजा ने Local 18 को बताया कि उनके पति अक्सर कई तरह के बिजनेस कॉन्फ्रेंस के सिलसिले में बाहर जाया करते थे. 2023 में एक बार जब वे किसी बिजनेस कांफ्रेंस से लौटे तो उन्होंने मिलेट्स के बारे में उन्हें बताया. तनुजा की माने तो वे तब तक मिलेट्स नाम से पूरी तरह अनभिज्ञ थीं, इसलिए उनके पति ने उन्हें खादर अली की एक किताब पढ़ने को दी. इसके बाद उन्हें पता चला कि मिलेट्स दरअसलज्वार, बाजरा, कोदो, रागी आदि मोटे अनाज को कहते हैं.

तनुजा ने आगे बताया कि ज्वार, बाजरा इत्यादि से वो परिचित थीं. क्योंकि, उनकी दादी इसे चाव से खाया करती थीं. इसके अलावा गांव में मिलेट्स का घट्टा (एक प्रकार का दलिया) तैयार करगायों को भी खिलाया जाता था. तनुजा कहती हैं कि जब उन्हें इन अनाजों के लाभ के बारे में पता चला तो वे इसपर आगे काम करने के लिए राजी हो गईं.

लोन लेकर शुरू किया उद्यम
तनुजा ने बताया कि जब वे और उनके पति ने मिलेट्स पर काम करने की ठान ली तो उद्यम शुरू करने में आर्थिक स्थिति बाधा बनने लगी. इसके बाद उन्होंनेप्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत 10 लाख रुपए का लोन लेकर अपना व्यवसाय छोटे स्तर पर अपने घर के नीचे ही शुरू किया.

तनुजा की मानें तो शुरुआत में इसमें कुछ दिक्कतें भी आईं पर पति के साथ से उन्होंने सभी अर्चनों को पार किया. तनुजा आगे बताती हैं कि फिलहाल 500 किलोग्राम से अधिक मिलेट्स की प्रति महीने खपत हो जाती है. बिहार के शेखपुरा, बेगूसराय, मुंगेर जैसे जिलों में उनका सप्लाई चेन बन चुका है. जिसे धीरे धीरे अन्य जिलों में भीबढाने की कोशिश पति पत्नी मिलकर कर रहे हैं.

कुछ जिलों में शुरू हो गई है खेती
तनुजा के पति आरके रंजन ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिसा जैसे राज्यों से मिलेट्स मंगवा कर उसकी प्रोसेसिंग और पैकेजिंग शुरू की और उन्हें श्री मिलेट्स के नाम पर सप्लाई करना शुरू किया. आरके रंजन की माने तो धीरे धीरे कृषि विभाग के सहयोग से उन्होंने बिहार में भी मिलेट्स की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया. इसका परिणाम ये हुआ कि अब बेगूसराय और खगड़िया जैसे जिलों के किसान भी रागी (ज्वार) की खेती शुरू कर चुके हैं.

आरके आगे कहते हैं कि वे जल्द ही अपने प्रोडक्ट को विदेशों में भी सप्लाई करेंगे. इस दिशा में डाक घर निर्यात केंद्र के एक्जीक्यूटिव से उनकी बातचीत चल रही है. वहीं, उनकी माने तो फिलहाल मिलेट्स से बने आंटे और बिस्कुट की डिमांड है. आगे वे जल्द ही मिलेट्स के बने हेल्थी नूडल्स, केक और मोमोज भी लॉन्च करेंगे. मिलेट्स से बनी चीजों के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप उनसे +91 76777 78889 पर संपर्क भी कर सकते हैं.

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