ओयो का फिर से यू-टर्न, निवेशकों का आईपीओ के लिए और लंबा हुआ इंतजार


नई दिल्ली. ओयो होटल्स एंड होम्स की मूल कंपनी, ओरावेल स्टेज़ लिमिटेड ने सेबी के पास दायर आईपीओ के लिए अपने ड्राफ्ट पेपर वापस ले लिए हैं. रिपोर्टों के अनुसार, OYORooms के ऑपरेटर ने 17 मई को आईपीओ के लिए अपने ड्राफ्ट पेपर वापस ले लिए. सितंबर में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ ड्राफ्ट पेपर दाखिल करने के बाद से यह दूसरी बार है जब कंपनी ने सार्वजनिक होने की अपनी योजना को स्थगित कर दिया है. इससे पहले 2021 में भी कंपनी ने ऐसा किया था.

रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी $2.3 बिलियन (लगभग 19,151 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन पर फंडिंग के नए दौर के लिए निवेशकों के साथ बैठकें कर रही है. जानकारों के मुताबिक कंपनी रीफाइनेंसिंग के जरिए अपनी बैलेंस शीट का ख्याल रखना चाहती है, उनका लक्ष्य बॉन्ड के जरिए 35 से 45 करोड़ डॉलर (करीब 3,747 करोड़ रुपये) जुटाने का है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर कंपनी ने आईपीओ आवेदन वापस लेने पर कोई बयान नहीं दिया है. कंपनी फाइनेंशियल स्टेटमेंट में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए पुनर्वित्त योजना पर काम कर रही है. नियमों के मुताबिक, OYO को अपनी फाइलिंग में संशोधन करना होगा.

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सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि मौजूदा वित्तीय स्थिति के साथ आईपीओ की मंजूरी जारी रखने का निर्णय व्यवहार्य नहीं लग सकता है क्योंकि कंपनी अभी भी रिफाइनेंसिंग प्लान पर काम कर रही है. होटल एग्रीगेटर अगले दौर की फंडिंग जुटाने के लिए बांड जारी होने के बाद आईपीओ प्रक्रिया फिर से शुरू कर सकता है.

फरवरी में, कंपनी के बैंक खाते में 20-25 करोड़ डॉलर (लगभग 2,081 करोड़ रुपये) थे क्योंकि उसने अपने ऑपरेशनल एक्सपेंस को कम कर दिया था. सॉफ्टबैंक OYO में सबसे बड़ा निवेशक है. OYO में सॉफ्टबैंक की 46% हिस्सेदारी है. इससे पहले उन्होंने OYO का वैल्यूएशन 3.4 अरब डॉलर (28,311 करोड़ रुपये) से घटाकर 2.7 अरब डॉलर (22,482 करोड़ रुपये) कर दिया था. अन्य महत्वपूर्ण निवेशकों में पीक XV, जिसे पहले सिकोइया कैपिटल इंडिया के नाम से जाना जाता था, और लाइटस्पीड शामिल हैं.

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