कतर का एक फैसला और गहरा गया गाजा-इजरायल का संकट! हमास का छूटा पसीना, नेतन्याहू की भी उड़ गई नींद


दुबई (यूएई). गाजा में इजरायल के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे. वहीं कतर की तरफ से एक ऐसा ऐलान हुआ है, जिसने इस जंग को और पेचीदा बना दिया. दरअसल, कतर ने कहा है कि उसने गाजा में सीजफायर और इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए चल रही बातचीत में मिडिएटर की भूमिका से हटने का फैसला किया है. इतना ही नहीं, उसने हमास को चेतावनी भी दी है कि दोहा में स्थित उसका ऑफिस ‘अब अपने मकसद को पूरा नहीं करता’.

एक राजनयिक सूत्र ने शनिवार को एएफपी को यह जानकारी दी. कतर का यह फैसला एक तरफ जहां हमास और उसके समर्थक देशों के लिए खतरे की घंटी है, वहीं इस बात को लेकर भी चिंता बढ़ गई है कि इजरायल-गाजा का संघर्ष कब तक जारी रहेगा. हमास के कब्जे में जो इजरायली नागरिक हैं, उनका भविष्य भी संकट में दिखाई दे रहा है.

सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “कतर के अधिकारियों ने इजरायल और हमास दोनों को बता दिया है कि जब तक अच्छे विश्वास के साथ समझौते के लिए बातचीत करने से इनकार किया जाता है, वे मध्यस्थता जारी नहीं रख सकते. इसका नतीजा यह है कि दोहा में हमास के पॉलिटिकल ऑफिस का अब कोई मतलब नहीं रह गया है.”

कतर, संयुक्त राज्य अमेरिका और मिस्र के साथ मिलकर, बंधकों और कैदियों की रिहाई के साथ संघर्षविराम के लिए महीनों से बेनतीजा बातचीत में लगा हुआ था. सूत्र ने बताया कि कतर ने पहले ही “इजरायल, हमास और अमेरिकी प्रशासन को अपने निर्णय की सूचना दे दी है.” सूत्र ने बताया, “कतर ने अमेरिकी प्रशासन को सूचित किया कि जब दोनों पक्ष… वार्ता की मेज पर लौटने की सच्ची इच्छा दिखाएंगे, तब वे मध्यस्थता में फिर से शामिल होने के लिए तैयार होंगे.”

पिछले एक साल से इजरायल-हमास युद्ध में सीजफायर करवाने के लिए कतर एक प्रमुख खिलाड़ी रहा है. इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि फिलिस्तीनी ग्रुप के सीनियर मेंबर्स दोहा में रहते हैं. इसी वजह से कतर की राजधानी में प्रमुख वार्ताएं हुई हैं. हमास के कार्यकर्ताओं को कतर से कब बाहर निकाला जाएगा और वे कहां जाएंगे – यह साफ नहीं है. हालांकि, एक अमेरिकी अधिकारी ने दावा किया कि समूह को देश छोड़ने के लिए अधिक समय नहीं दिया गया है.

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