कभी नहीं था पास में काम…आज इनकी बनाई चूड़ी से बिहार में सजती है दुल्हन


कुंदन कुमार/गया : बिहार के गया में बड़े पैमाने पर चूड़ी का निर्माण किया जाता है. गया शहर से 10 किमी दूर बारा गांव में लगभग 300 घरों में इसका निर्माण होता है. यहां की बनी चूडियां बिहार के विभिन्न जिला में भेजी जाती है. बारा गांव में लगभग 1500 घर है.300 से अधिक घरों में चूड़ी बनाई जाती हैं. यहां पर लहठी चूड़ी, दुल्हन चूड़ी आदि तैयार होती हैं. यहां चूड़ी बनाने का कारोबार 10 साल पहले शुरू हुई है. अब यहां की महिलाएं प्रतिदिन चूड़ी निर्माण कर 100-150 रुपये की आय कर रही है.

समूह बनाकर महिलाएं करती हैं काम
यहां कि अधिकांश महिलाएं जीविका समूह से जुड़ी हुई हैं. समूह बनाकर यहां की महिलाएं चूड़ी बनाती है. जीविका से जूड़ने के बाद इस गांव के अधिकांश महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हुई है. घर के हर सदस्य इसमें जुटे रहते हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो इस गांव की महिलाएं चूड़ी निर्माण से रोजाना 40-50 हजार रुपये की आय कर रहें हैं. यहां बनी चूडियों की खूब डिमांड है. हर दिन यहां बड़े स्तर पर चूड़ी तैयार की जाती हैं.

दुल्हन के हाथों सजती है यहां की चूड़ी
खासकर शादी विवाह में दुल्हन जिस चूड़ी को पहनती है. उसका भी निर्माण होता है. यहां कि हर महिलाएं प्रतिदिन 300 पीस चूड़ी का निर्माण करते हैं. चूड़ियों की कीमत की बात की जाय तो यहां 50 रुपया पैकेट से लेकर 150 रुपये पैकेट की चूड़ी तैयार की जाती है. चूड़ी के कारोबार से जुड़े गांव के मो. जाहिद बताते हैं कि पिछले 10 साल से इस गांव में चूड़ी बनाने का काम शुरू हुआ. आज यहां लगभग 300 से अधिक घरों में चूड़ी बनाई जाती है. फिर यहां से बिहार के अन्य जिलों में जाती है.

महिलाओं की होती है अच्छी कमाई
गौरतलब हो कि चूड़ीनिर्माण के काम से पहले यहां कि महिलाओं के पास कोई काम नहीं था.ऐसे ही घर में बैठे रहती थी, लेकिन अब इन्हें अच्छी आय हो रही है. जीविका से जुड़ी शाहीन खातून बताती हैं कि गांव में कई तरह की चूडियां बनाई जा रही है. खासतौर पर दुल्हन चूडियों की खूब डिमांड है. घर की हर सदस्य इस काम में जुड़ी रहती हैं. हर महिला एक दिन में 150 रुपया तक की आय कर लेती है.

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