कम सोडियम वाले नमक के फायदे: WHO की सिफारिशें और भारतीय बाजार


Last Updated:

WHO ने कहा है कि दिल के दौरे के जोखिम को कम करने के लिए कम सोडियम वाले नमक का सेवन करें. क्या आपको मालूम है कि आप कितने सोडियम वाले नमक का सेवन घर पर कर रहे हैं.

Explainer: क्या है वो 'कम सोडियम' वाला नमक, जिसको खाने की राय WHO दे रहा है

हाइलाइट्स

  • WHO ने कम सोडियम वाले नमक का सेवन करने की सलाह दी है
  • कम सोडियम नमक में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है
  • कम सोडियम नमक से दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम कम होता है

हम अपने घरों में बाजार से खरीदकर जिस नमक को खा रहे हैं, वो आमतौर पर ज्यादा सोडियम वाले हैं. यानि उसमें 40 फीसदी तक सोडियम होता है. सवाल इसी के अनुपात कम करने का है और ऐसे नमक को खाने का है, जिसमें सोडियम की मात्रा कम हो. वैसे बाजार में अब कई ऐसे नमक आ चुके हैं, जिनमें सोडियम की मात्रा कम हो. लिहाजा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर कहा है कि लोगों को नियमित नमक के स्थान पर कम सोडियम वाले नमक के विकल्प LSSS (एलएसएसएस) का उपयोग करने पर विचार करना चाहिए.

LSSS नमक के उस रूप को संदर्भित करता है जिसमें सोडियम क्लोराइड का एक निश्चित प्रतिशत दूसरे खनिज पोटेशियम क्लोराइड से बदल दिया जाता है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नियमित नमक की तुलना में एलएसएसएस का उपयोग दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम में कमी से जुड़ा हुआ है.

डब्ल्यूएचओ ने 2012 में एक मार्गदर्शन दस्तावेज जारी किया था, जिसे बाद में भारत सहित सदस्य देशों द्वारा अपनाया गया था, जिसमें 2030 तक औसत जनसंख्या सोडियम सेवन को 30% तक कम करने का वैश्विक लक्ष्य निर्धारित किया गया था. हालांकि इसकी रफ्तार धीमी है. इसी वजह से अब डब्ल्यूएचओ कह रहा है कि कम सोडियम वाले नमक का सेवन किया जाए.

भारत में बाजार में अलग अलग ब्रैंड से ऐसे नमक बेचे जाते हैं, जिनमें 15 से 30% कम सोडियम होता है. हालांकि इसकी कीमत ज़्यादा होने और इसके बारे में कम जानकारी होने के कारण इसका इस्तेमाल बहुत कम होता है. हां,यहां ये भी समझ लीजिए कि गुलाबी हिमालयन नमक, काला नमक और समुद्री नमक इस श्रेणी में नहीं आते. वैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ये पुरानी सिफारिश है कि व्यक्ति को प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक (2 ग्राम सोडियम) का सेवन करना चाहिए.

उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि भारतीय सहित लोग मानक स्तर से दो से तीन गुना अधिक नमक का सेवन करते हैं. इसीलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब यह सिफारिश की है कि लोगों को नमक का सेवन कम करने के अलावा, नमक की जगह कम सोडियम नमक विकल्प (एलएसएसएस) का उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए।

LSSS क्या हैं?
एलएसएसएस नमक को उस नमक के बारे में बताता है जिसमें नमक में सोडियम क्लोराइड का एक निश्चित प्रतिशत किसी अन्य खनिज, सबसे आमतौर पर पोटेशियम क्लोराइड के साथ बदल दिया जाता है.
– कम सोडियम वाले नमक में अधिक मात्रा में पोटेशियम होता है
– यह स्वस्थ वयस्कों के लिए अच्छा है लेकिन बच्चों, गर्भवती महिलाओं को वर्तमान में इसका उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती.

हालांकि WHO ने चेतावनी दी है कि पोटेशियम का उच्च स्तर उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है जिनकी किडनी खराब है, क्योंकि उनकी किडनी खनिज को बाहर निकालने में सक्षम नहीं हो सकती है, जिससे हाइपरकेलेमिया हो सकता है जो हृदय के काम पर असर डालता है, ये जीवन के लिए खतरा हो सकता है.
इसलिए, LSSS पर WHO का दिशानिर्देश किडनी की कमजोरी वाले व्यक्तियों या अन्य परिस्थितियों या स्थितियों के लिए लागू नहीं है जो पोटेशियम उत्सर्जन को प्रभावित कर सकते हैं.

साधारण नमक की तुलना में LSSS के लाभ
LSSS का उपयोग भोजन में सोडियम को कम करने में मदद कर सकता है. सोडियम हमारे द्वारा खाए जाने वाले नमक का एक प्रमुख घटक है, जो तंत्रिका और मांसपेशियों के कार्य के लिए आवश्यक है. हालांकि अगर इसे अधिक मात्रा में लिया जाए तो यह उच्च रक्तचाप, दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है.
कम सोडियम वाले नमक के विकल्प पर स्विच करना ज्यादातर लोगों के लिए लाभदायक हो सकता है, क्योंकि इससे सोडियम का सेवन कम होता है और रक्तचाप कम होता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है. हालांकि कुछ डॉक्टर ये सुझाव भी देते हैं कि ज्यादा बेहतर हो कि नमक का सेवन ही कम कर दिया जाए.

सामान्य नमक में सोडियम की मात्रा कितनी होती है
नमक (सोडियम क्लोराइड, NaCl) का करीब 40% हिस्सा सोडियम होता है. उदाहरण – 1 ग्राम नमक = 400 मिग्रा सोडियम. WHO के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन 5 ग्राम से अधिक नमक (यानी लगभग 2000 मिलीग्राम सोडियम) का सेवन नहीं करना चाहिए. यह मात्रा लगभग एक चम्मच नमक के बराबर होती है.

क्यों सोडियम जरूरी भी 
सोडियम हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक खनिज है. यह तंत्रिकाओं और मांसपेशियों के काम को सही रखने में मदद करता है. रक्तचाप को नियंत्रित करता है: शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ने से रक्तचाप बढ़ सकता है.

नमक में सोडियम की मात्रा कैसे पता करें?
खाद्य लेबल पढ़ें. उन पर सोडियम की मात्रा ग्राम या मिलीग्राम में लिखी होती है. कुछ पैकेटों पर पोषण लेबल भी दिया होता है, जिसमें सोडियम की मात्रा के साथ-साथ अन्य पोषक तत्वों की जानकारी भी होती है.

बाजार में मिलने वाले नमक में सोडियम की मात्रा
बाजार में मिलने वाले अधिकांश नमक में सोडियम क्लोराइड की मात्रा 97% से 99% तक होती है. इसका मतलब है कि लगभग हर एक चम्मच नमक में अधिकांश हिस्सा सोडियम ही होता है.
सामान्य आयोडीन युक्त नमक- यह सबसे आम प्रकार का नमक है. इसमें 97% से 99% सोडियम क्लोराइड होता है.
सेंधा नमक – सेंधा नमक में लगभग 85% सोडियम क्लोराइड होता है और इसमें अन्य खनिज भी होते हैं, जैसे कि आयरन, कॉपर, जिंक आदि.
समुद्री नमक – समुद्री नमक में भी सोडियम क्लोराइड होता है, लेकिन इसमें कुछ अन्य खनिज भी होते हैं. इसमें सामान्य नमक की तुलना में थोड़ा कम सोडियम होता है.

किस ब्रांड के नमक में कितना सोडियम
ब्रांडों की विविधता – बाजार में नमक के कई ब्रांड उपलब्ध हैं. प्रत्येक ब्रांड में सोडियम की मात्रा थोड़ी भिन्न हो सकती है.
– कंपनियां अपने उत्पादों में कभी-कभी बदलाव करती हैं, जिससे सोडियम की मात्रा में भी बदलाव हो सकता है.

homeknowledge

Explainer: क्या है वो ‘कम सोडियम’ वाला नमक, जिसको खाने की राय WHO दे रहा है



Source link

x