कांग्रेस को लेकर दिल्ली में खलबली क्यों? इंडिया अलांयस के बिखरने तक की नौबत आई, क्या है BJP कनेक्शन



Congress in Delhi elections 2024 12 23304a416cdd77b0a8fbbb77f386f65a कांग्रेस को लेकर दिल्ली में खलबली क्यों? इंडिया अलांयस के बिखरने तक की नौबत आई, क्या है BJP कनेक्शन

हाइलाइट्स

द‍िल्‍ली में बीजेपी का वोट शेेयर हर विधानसभा चुनाव में स्‍टेबल. आम आदमी पार्टी का उभार कांग्रेस के पतन का कारण बना.मुस्‍ल‍िम, दल‍ित वोटरों में विभाजन से बदल जाएगा पूरा खेल.

द‍िल्‍ली में कांग्रेस थोड़ी एक्‍ट‍िव क्‍या हुई, सियासी खलबली मच गई है. आम आदमी पार्टी ने इंडिया अलायंस से अलग होने का अल्‍ट‍ीमेटम दे दिया है. मुख्‍यमंत्री आत‍िशी ने तो कांग्रेस को बीजेपी की ‘B टीम’ तक बता दिया है. दावा क‍िया क‍ि कांग्रेस के कई नेताओं को बीजेपी चुनाव लड़ने के ल‍िए फंड दे रही है. उधर, कांग्रेस भी हमलावर है. लेकिन इन दोनों की लड़ाई में बीजेपी खुश दिख रही है. आख‍िर कांग्रेस को लेकर दिल्‍ली में इतनी खलबली क्‍यों है? क्‍या है इसके पीछे का कनेक्‍शन?

आम आदमी पार्टी के उभार से पहले द‍िल्‍ली पर कांग्रेस का एकक्षत्र राज हुआ करता था. शीला दीक्षित तीन बार से मुख्‍यमंत्री थीं. लेकिन अरविंद केजरीवाल की सियासत शुरू होने के बाद कांग्रेस का ग्राफ लगातार नीचे ग‍िरता चला गया. 2013 वो आख‍िरी चुनाव था, जब कांग्रेस ने 24 फीसदी वोट हासिल हास‍िल किए थे, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का ग्राफ इतना नीचे ग‍िरा कि‍ उसके पास 10 फीसदी वोट भी नहीं बचे. जबक‍ि बीजेपी के वोट लगभग वही बने रहे. ऐसा माना गया क‍ि कांग्रेस के वोट आम आदमी पार्टी को ट्रांसफर हो गए. यही वजह है क‍ि आम आदमी पार्टी नहीं चाहती क‍ि कांग्रेस फ‍िर से खड़ी हो.

आप और कांग्रेस के इस द्वंद्व को इस चार्ट के जर‍िये भी समझ सकते हैं.

विधानसभा चुनाव कांग्रेस आम आदमी पार्टी  बीजेपी
2013 24% 29% 33%
2015 09% 54% 32%
2020 04% 53% 38%
स्रोत-चुनाव आयोग

लोकसभा चुनाव में तो बीजेपी हमेशा रही भारी, आंकड़ों से समझ‍िए

लोकसभा चुनाव कांग्रेस आम आदमी पार्टी बीजेपी
2014 15% 32% 46%
2019 18% 22% 56%
2020 18% 24% 54%
स्रोत-चुनाव आयोग

द‍िल्‍ली के वोटरों का मूड समझ‍िए

  • द‍िल्‍ली में बीजेपी के पास लगातार 32 फीसदी वोटर रहे हैं. कई बार इसमें उछाल भी देखने को मिला है, लेकिन ग‍िरावट नहीं आई. यह बताता है क‍ि यह बीजेपी के कोर वोटर हैं और क‍िसी भी स्‍थ‍ित‍ि में पार्टी के साथ खड़े नजर आते हैं.
  • आम आदमी पार्टी का वोट शेयर विधानसभा चुनाव में स्‍टेबल हो गया है. आप को 53-54 फीसदी वोट मिलते रहे हैं. लेकिन इसका मुख्‍य आधार वो वोटर हैं, जो कभी कांग्रेस के वोटर हुआ करते थे.
  • विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का साथ देने वाले तकरीबन 10 फीसदी वोटर जब लोकसभा चुनाव आता है, तो कांग्रेस के साथ चले जाते हैं. तब कांग्रेस का वोटिंग परसेंट अचानक बढ़ जाता है.
  • अब बात कांग्रेस की, कांग्रेस के वोटर लोकसभा चुनाव में अड‍िग रहते हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव आते ही ऐसा लगता है क‍ि उनमें से तमाम वोटर ख‍िसककर आम आदमी पार्टी के खेमे में चले जाते हैं.
  • एक और बात, 10-15 फीसदी वोटर फ्लोट‍िंग हैं, जो विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी और लोकसभा चुनावों में बीजेपी के बीच झूलते रहते हैं. यही बदलाव आम आदमी पार्टी की ताकत बढ़ा देता है.

आप-कांग्रेस की चिंता
मुस्‍ल‍िम वोट : द‍िल्‍ली में मुस्‍ल‍िम वोटर काफी प्रभावी है और चुनाव पर काफी असर डालता है. सीएसडीएस-लोकनीत‍ि की स्‍टडी के मुताबिक, 2015 में आप को 77 फीसदी मुसलामानों का वोट मिला था. इतना ही नहीं, मुस्‍ल‍िम बहुल 10 सीटों में से नौ में से उसे जीत मिली थी. लेकिन 2020 में इसमें कमी आई और यह घटकर 69 फीसदी पर आ गया. आप को डर है क‍ि कांग्रेस मजबूत हुई तो उसका वोटर बंट सकता है, जो बीजेपी के ल‍िए फायदेमंद हो सकता है.

एंटी इनकमबेंसी: वैसे तो आम आदमी पार्टी दावा करती है क‍ि उसकी सरकार के ख‍िलाफ कोई एंटी इनकमबेंसी नहीं है. लेकिन 10 साल की सरकार से कुछ नाराजगी हो सकती है. बीजेपी और कांग्रेस इसी का लाभ उठाने की कोश‍िश कर रहे हैं. इसीलिए आम आदमी पार्टी लगातार नए ऐलान कर रही है. वोटरों तक पहुंचने की कोश‍िश कर रही है.

दल‍ितों का साथ: दल‍ित मतदाता एक वक्‍त कांग्रेस का मुख्‍य आधार हुआ करते थे, लेकिन चुनाव नतीजे बताते हैं क‍ि दल‍ित मतदाताओं ने कांग्रेस से दूरी बनाई है. आम आदमी पार्टी से भी कुछ दल‍ित नेता छोड़कर निकले हैं. आम आदमी पार्टी पर दल‍ित विरोधी होने का आरोप तक जड़ा है. कांग्रेस और बीजेपी इसका फायदा उठाने की ताक में हैं.

Tags: Arvind kejriwal, Delhi AAP, Delhi BJP, Delhi Elections, Rahul gandhi latest news



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