कितनी गर्मी झेल सकता है इंसान का शरीर, इतना तापमान हो गया तो जलने लग जाएगी स्किन
<p class="p1" style="text-align: justify;">दुनियाभर के कई इलाकों में जलवायु परिवर्तन के चलते तापमान इतना बढ़ गया है कि लोगों का इस गर्मी को सहना मुश्किल हो रहा है<span class="s1">. </span>ज्यादातर इलाकों में हीटवेव से लोगों की तबीयत खराब हो रही है<span class="s1">. </span>वहीं कई जगहों पर तापमान इतना है कि गर्मी के चलते दिन तो क्या रात में भी लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है<span class="s1">. </span>ऐसे में क्या आपके मन में कभी खयाल आया है कि इंसान का शरीर आखिर कितना तापमान सह सकता होगा<span class="s1">? </span>यदि नहीं तो चलिए जान लेते हैं<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>कितना तापमान सह सकता है इंसानी शरीर<span class="s1">?</span></strong></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;">वैज्ञानिकोंकीमानेंतोइंसानीशरीरकासामान्यतापमान<span class="s1"> 98.9 </span>डिग्री फॉरेनहाइट होता है<span class="s1">. </span>जो आपके आसापास के वातावरण यानी बाहरी तापमान के<span class="s1"> 37 </span>डिग्री सेल्सियस के बराबर होता है<span class="s1">. </span>विज्ञान के मुताबकि इंसान गर्म खून वाला स्तनधारी जीव है<span class="s1">. </span>जो<span class="s1"> 42 </span>डिग्री सेल्सियस तक तापमान सह सकता है<span class="s1">. </span>इंसान के शरीर में एक खास तंत्र<span class="s1"> ‘</span>होमियोस्‍टैसिस<span class="s1">’ </span>होता है<span class="s1">, </span>इंसान को इस तापमान में भी सुरक्षित रखता है<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;"><strong>ये तापमान सहने में हो जाती है परेशानी</strong></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;">जैसा हमने बताया कि<span class="s1"> 42 </span>डिग्री तापमान में इंसान जीवित रह सकता है वहीं इससे ज्यादा तापमान इंसानी शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है<span class="s1">. </span>लंदन स्‍कूल ऑफ हाइजीन की एक रिपोर्ट के अनुसार<span class="s1">, 2050 </span>तक गर्मी से होने वाली मौतों में<span class="s1"> 257 </span>फीसदी तक वृद्धि हो जाएगी<span class="s1">. </span>विज्ञान कहता है कि इंसान का शरीर<span class="s1"> 35 </span>से<span class="s1"> 37 </span>डिग्री तापमान बिना किसी परेशानी के सह सकता है वहीं यही तापमान जब<span class="s1"> 40 </span>डिग्री हो जाता है तो लोगों को परेशानी होने लगती है<span class="s1">. </span>इसे लेकर की गईं रिसर्चों की मानें तो इंसानों के लिए<span class="s1"> 50 </span>डिग्री का अधिकतम तापपमान बर्दाश्त करना खासा मुश्किल हो जाता है<span class="s1">. </span></p>
<p class="p1" style="text-align: justify;">वहीं यदि तापमान इससे ज्यादा पहुंच जाता है तो वो जिंदगी को खासा जोखिम भी पहुंच सकता है<span class="s1">. </span>मेडिकल जर्नल लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार<span class="s1">, </span>साल<span class="s1"> 2000-04 </span>और<span class="s1"> 2017-2021 </span>के बीच के<span class="s1"> 8 </span>सालों में भारत में गर्मी का प्रकोप अत्यधिक ज्यादा रहा<span class="s1">, </span>साथ ही इस दौरान गर्मी से होने वाली मौतों में<span class="s1"> 55 </span>फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है<span class="s1">.</span></p>
<p class="p1"><strong>कब और कैसे गर्मी बन जाती है मौत की वजह<span class="s1">?</span></strong></p>
<p class="p1">स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों के अनुसार<span class="s1">, </span>यदि पारा<span class="s1"> 45 </span>डिग्री हो तो बेहोशी<span class="s1">, </span>चक्कर या घबराहट जैसी शिकायतों के चलते ब्लड प्रेशर कम होने जैसी परेशानी आम शिकायतें हैं<span class="s1">. </span>वहीं<span class="s1">, </span>यदि आप<span class="s1"> 48 </span>से<span class="s1"> 50 </span>डिग्री या उससे ज्‍यादा तापमान में बहुत देर रहते हैं तो मांसपेशियां पूरी तरह जवाब दे सकती हैं जो मौत भी बन सकती है<span class="s1">. </span></p>
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