किसानों का काम आसान और होगी समय की बचत, खेतों में ड्रोन से होगा यूरिया का छिड़काव, जानें एक एकड़ का चार्ज


रिपोर्ट- हिना आजमी

देहरादून: आधुनिक तकनीक ने किसानों का काम आसान कर दिया है. केंद्र सरकार ड्रोन दीदी के नाम से योजना चला रही है जिसके तहत महिलाओं का ड्रोन का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके बाद वह ड्रोन के माध्यम से कृषि के कई तरह के कार्य कर रही हैं. कृषि में ड्रोन एक वरदान साबित हो रहा है. कृषि भूमि पर अब नैनो यूरिया का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से किया जाने लगा है.

पहले किसानों को इस काम के लिए लगभग 4 से 5 घंटे वक्त लगता था लेकिन अब एक से दो घंटे में ही बिना मेहनत के उसका काम ड्रोन कर देता है. इसके लिए उससे 300 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से लिए जाते हैं. नैनो यूरिया मिट्टी और फसल के लिए भी उपयोगी होती है. इससे मृदा की उपजाऊ क्षमता भी कम नहीं होती है.

देहरादून के सहकारिता समितियों के जिला सहायक निबंधक डॉ बी. एस. मनराल ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा कि अब आधुनिक तकनीक ने किसानों का काम आसान कर दिया है. सहकारिता विभाग द्वारा भी किसानों के लिए कई तरह के प्रयास किया जा रहे हैं. इफको के साथ मिलकर किसानों के लिए ड्रोन तकनीक से उन्हें फसलों पर छिड़काव की सुविधा दी जा रही है.

उन्होंने कहा कि पहले फसलों में हम दानेदार यूरिया का उपयोग करते थे. अब लिक्विड नैनो यूरिया पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि हमारे देश में पारंपरिक यूरिया के मुकाबले नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के अधिक फायदें हैं. इससे मिट्टी का स्वास्थ्य ही ठीक नहीं रहता है बल्कि किसानों की आय में भी इससे इजाफा होता है.

कब होता है यूरिया का छिड़काव
बीज डालने के बाद जब पत्तियां आती हैं तब पहली बार छिड़काव किया जाता है जिससे उसकी जड़ों तक नैनो यूरिया पहुंच सके और वह इधर- उधर न बिखरे. जिससे मिट्टी की उर्वरक शक्ति कम न हो. फसल में दो बार कम से कम यह छिड़काव किया जाता है. उन्होंने बताया कि उनके पास देहरादून में तीन ड्रोन उपलब्ध हैं. दो ड्रोन पायलट और एक ड्रोन पर दीदी काम कर रही हैं. इसके लिए किसान को 300 रुपये एक एकड़ के हिसाब से भुगतान करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम भी आयोजित करवाये जा रहे हैं.

नैनो यूरिया के फायदे
इफको देहरादून के क्षेत्रीय अधिकारी विनोद कुमार जोशी ने बताया कि नैनो यूरिया से कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखे जाएंगे. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया को परम्परागत यूरिया के बहुत छोटे टुकड़ों के रूप में हम समझ सकते हैं जो फसलों में सूक्ष्म रूप से जाएगी. यह खड़ी फसलों में नाइट्रोजन की पूर्ति करती है. इसके अलावा यह क्लोरोफिल चार्जर, उपज वर्धक और जलवायु के मुताबिक फसलों पर काम करती है. यह परंपरागत यूरिया से सस्ती है. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया प्लस (लिक्विड) को नैनो यूरिया की नई पीढ़ी के रूप मे विकसित किया गया है जो पर्यावरण को बिना नुकसान करे फसलों को जरूरी पोषक तत्व देती है. उन्होंने कहा कि अगर कोई किसान इसके लिए आवेदन करना चाहता है तो तीन तरह से कर सकता है.

1- ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए प्ले स्टोर से IFFCO kisan uday को डाउनलोड करके ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं
2- ड्रोन पायलट से सीधे संपर्क करके भी बुकिंग कर सकते हैं. इनके लिए 97607 53435 पर संपर्क कर सकते हैं.
3- इसके अलावा अपने नजदीकी सहकारी समिति में जाकर भी ड्रोन पायलट से संपर्क कर सकते हैं.

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