किसान ध्यान दें! धान की फसल को जल्द पकाने के लिए भूलकर भी न करें ये काम, वरना आधी हो जाएगी पैदावार


सनन्दन उपाध्याय/बलिया: धान की फसल पकने के अंतिम चरण में है और कई किसान इसे जल्दी तैयार करने की कोशिश में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे पैदावार पर बुरा असर पड़ता है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जल्दबाजी में कुछ उपाय अपनाने से उत्पादन आधा हो सकता है. इसलिए इन गलतियों से बचना बेहद जरूरी है.

अत्यधिक उर्वरक का उपयोग

कई किसान फसल को जल्दी पकाने के लिए अधिक मात्रा में यूरिया या अन्य उर्वरकों का उपयोग कर लेते हैं. इससे फसल पर तो असर होता है, लेकिन पैदावार कम हो सकती है. क्योंकि अत्यधिक उर्वरक पौधों की प्राकृतिक वृद्धि को बाधित करता है. श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के एचओडी प्रो. अशोक कुमार सिंह का मानना है कि फसल के अंतिम चरण में उर्वरकों का उपयोग फसल के पकने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है और पैदावार में कमी ला सकता है.

बार-बार सिंचाई करना

फसल के पकने के समय कुछ किसान बार-बार सिंचाई करते हैं, ताकि पौधे स्वस्थ दिखें और जल्दी तैयार हों. लेकिन अत्यधिक सिंचाई करने से फसल में पानी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे धान का रंग और गुणवत्ता खराब हो सकती है. इस चरण में अधिक सिंचाई से धान की फसल पानी को ज्यादा सोख लेती है, जिससे दाने कम भरते हैं और उत्पादन में गिरावट आ सकती है.

कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग

फसल के पकने के समय कीड़ों से बचाने के लिए कुछ किसान अधिक मात्रा में कीटनाशक छिड़कते हैं. हालांकि, फसल के पकने के करीब कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग न केवल धान की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित होती है. विशेषज्ञ के अनुसार इस समय कम से कम कीटनाशकों का उपयोग करें और प्राकृतिक तरीकों से कीड़ों का नियंत्रण करने की कोशिश करें.

जल्दी कटाई करना

कई किसान मौसम की चिंता में फसल को जल्दी काट लेते हैं, लेकिन यह बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है. विशेषज्ञ के अनुसार अगर धान के दाने पूरी तरह से नहीं पके होते और आपने कटाई कर ली, तो इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है. फसल पूरी तरह पकने का इंतजार करें.

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