किसान लगा रहे प्याज की कंठी, उद्यान विभाग की सहायता से अलवर के किसान अब हो रहे निहाल
पीयूष पाठक/अलवर. जब भी लाल प्याज की बात की जाती है, तब अलवर का नाम लिया जाता है. इसका कारण है कि नासिक के बाद अलवर मंडी लाल प्याज की देश में दूसरी सबसे बड़ी मंडी है. अलवर का लाल प्याज नवंबर से बाजार में आना शुरू हो जाता है. इसके लिए किसानों द्वारा तैयारी पहले से ही की जाती है. अलवर जिले में करीब 18 हजार हेक्टेयर में प्याज की बुवाई की जाती है. पहले किसान अन्य राज्यों से प्याज की कंठी मंगवाते थे और उसके बाद प्याज की बुवाई करते थे. लेकिन अब अलवर के किसान इसमें पारंगत हो रहे हैं. अब जिले के किसान यही प्याज की कंठी को संरक्षित कर प्याज की बुवाई करते हैं. प्याज की कंठी को संरक्षित करने के लिए उद्यान विभाग की ओर से भी किसानों को सहायता प्रदान की जाती है.
87500 रुपए का मिलेगा अनुदान
अलवर उद्यान विभाग के उपनिदेशक के. एल. मीणा ने बताया कि उद्यान विभाग की ओर से किसानों को प्याज भंडारण के लिए बांस बल्ली व टीन शेड के उपयोग से तीन खंड में 30 फीट लंबा, 20 फीट चौड़ा बीज भंडारण बनाने के लिए अनुदान दिया जा रहा है. इसमें किसानों को 87500 का अनुदान मिलेगा. इसके लिए किसान को पत्रावली ईमित्र पर ऑनलाइन करवानी होगी.
के. एल. मीणा ने बताया कि अलवर का लाल प्याज मे नमी ज्यादा होने के चलते इसे ज्यादा समय तक स्टॉक नहीं किया जा सकता है. इसलिए किसानों द्वारा प्याज के कण को भी खेतों से उठकर पंखे चलाकर उसे 2 महीने तक सुरक्षित रखना आसान नहीं होता. इसी समस्या से पार पाने के लिए किसानों को उद्यान विभाग की ओर से बीज भंडारण के लिए अनुदान की व्यवस्था की गई है. के. एल. मीणा ने बताया कि उद्यान विभाग को इस बार प्याज भंडारण संरक्षण के लिए 17 का टारगेट मिला था. जिसमें से करीब 7 से ज्यादा को सफलतापूर्वक हासिल किया गया है. आने वाले समय में जल्द ही इस टारगेट को भी पूरा कर लिया जाएगा.
3 महीने तक प्याज रहेगा संरक्षित
अलवर के किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या अपने प्याज के कण को संरक्षित व सुरक्षित रखना है. इसी के लिए उद्यान विभाग की ओर से यह महत्वपूर्ण योजना किसानों के लिए लाई गई है. इसमें किसान 25 मेट्रिक टन बीज सुरक्षित संरक्षित कर सकेगा. इससे किसानों को आर्थिक लाभ भी होगा. इसके साथ ही यदि किसान प्याज के बीज बाजार में बेचेगा, तो उसे अच्छी रकम हासिल होगी. अलवर जिले के खैरतल उमरैन, मालाखेड़ा, परसा का बास, किशनगढ़ सहित अन्य जगहों पर इस योजना में किसान अच्छी रुचि दिखा रहे हैं और भंडारण के लिए लकड़ी का घर बना रहे हैं. इस प्याज भंडारण में करीब 3 महीने तक क्रॉस वेंटिलेशन होने पर लाल प्याज का बीज सुरक्षित रहता है.
किसान को करना होगा यह
उद्यान विभाग की ओर से प्याज भंडारण के लिए चलाई जा रही योजना के अंतर्गत यदि किसी किसान को आवेदन करना है, तो उसके लिए किसान के पास अपनी भूमि होना जरूरी है, सबसे पहले किसान को ई मित्र पर पत्रावली ऑनलाइन करवानी होगी. उसके बाद हार्ड कॉपी उसे क्षेत्र के किसी पर्यवेक्षक किया सुपरवाइजर के पास जमा करवाना जरूरी होगा. इसके बाद किसानों को विभाग की ओर से अनुदान दिया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : March 5, 2024, 13:45 IST