किस वेतन आयोग में 1000 रुपये से ज्यादा हुई थी न्यूनतम सैलरी? खुद चेक कर लीजिए डिटेल



<p>केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. इससे लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और महंगाई भत्ते में वृद्धि होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में कब-कब वेतन आयोग का गठन हुआ है, जिसका लाभ केंद्रीय कर्मचारियों को मिला है. आज हम आपको बताएंगे कि सैलरी पहली बार कब 1 हजार के पार पहुंची थी और पहले वेतन आयोग से लेकर आठवें वेतन आयोग के बीच में कितनी सैलरी बढ़ी है.</p>
<h2>देश में आठवां वेतन आयोग</h2>
<p>केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते गुरुवार को बताया था कि प्रधानमंत्री <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://www.abplive.com/topic/narendra-modi" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> ने लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बदलाव के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. इससे करीब 65 लाख पेंशनर्स को भी फायदा होगा. बता दें कि यह फैसला वित्त वर्ष 2025-26 के बजट से कुछ दिन पहले आया है. इससे ना केवल कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि महंगाई भत्ते में भी बदलाव होगा.</p>
<h2>जानिए कब-कब बढ़ा वेतन?</h2>
<h3>पहला वेतन आयोग</h3>
<p>बता दें कि देश में पहले वेतन आयोग का कार्यकाल मई 1946 से मई 1947 तक था. वहीं इसके अध्यक्ष श्रीनिवास वरदाचार्य थे. उस समय केंद्रीय कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 55 रुपये महीना और अधिकतम 2000 रुपये महीना की सीमा तय की गई थी. इसका लाभ 15 लाख कर्मचारियों को मिला था.</p>
<h3>दूसरा वेतन आयोग</h3>
<p>बता दें कि इसके 10 साल बाद अगस्त 1957 में दूसरे वेतन आयोग का गठन हुआ था. इसका कार्यकाल दो साल का था और इसकी अगुआई जगन्नाथ दास ने की थी. इसमें न्यूनतम वेतन 80 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की गई थी.</p>
<h3>तीसरा वेतन आयोग</h3>
<p>तीसरा वेतन अप्रैल 1970 से मार्च 1971 तक था. बता दें कि इसके अध्यक्ष रघुबीर दयाल थे. इसमें न्यूनतम वेतन 185 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की गई थी. इस वेतन आयोग का लाभ 30 लाख कर्मचारियों को मिला था.</p>
<h3>चौथा वेतन आयोग</h3>
<p>चौथा वेतन सितंबर 1983 में गठित हुआ था और इसका कार्यकाल दिसंबर 1986 में खत्म हुआ था. इसमें न्यूनतम वेतन 750 रुपये प्रति महीना करने की सिफारिश की गई थी.&nbsp;</p>
<h3>पांचवां वेतन आयोग,पहली बार वेतन एक हजार के पार&nbsp;</h3>
<p>पांचवां वेतन आयोग जस्टिस एस रत्नावेत पंडियन की अगुआई में गठित किया गया था. इसका कार्यकाल अप्रैल 1994 से जनवरी 1997 तक था. इसमें न्यूनतम वेतन पहली बार चार अंकों में पहुंचा था. यानी इसे 2,550 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की गई थी.</p>
<h3>छठा वेतन आयोग</h3>
<p>छठा वेतन आयोग का कार्यकाल अक्टूबर 2006 से मार्च 2008 तक था. इसके अध्यक्ष जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा थे. इसमें न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये प्रति माह तय किया गया था और अधिकतम वेतन की सीमा 80,000 रुपये प्रति माह तक बढ़ाया गया था.&nbsp;</p>
<h3>सातवां वेतन आयोग</h3>
<p>सातवें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया गया, जिसका कार्यकाल नवंबर 2016 तक था. इसके अध्यक्ष जस्टिस एके माथुर थे. इसमें न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह तय किया गया था.&nbsp;</p>
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