कुरान में वक्फ का कहीं जिक्र नहीं, संसदीय पैनल में ASI दे रहा था प्रेजेंटेशन, ओवैसी और बीजेपी में हो गई तीखी बहस


नई दिल्ली. वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने अपनी प्रस्तुति दी और इस दौरान उन्होंने 120 से अधिक स्मारकों की एक सूची पेश करते हुए कहा कि विभिन्न राज्य वक्फ बोर्डों द्वारा इस पर दावा किया जाता है. सूत्रों के अनुसार पहले सत्र के दौरान विपक्ष और भाजपा के कुछ सदस्यों के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई.

संसदीय पैनल के सामने बीजेपी के सदस्यों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कुरान में वफ्फ का कहीं जिक्र नहीं है, तो ऐसे में ये गैर इस्लामिक संस्था है. इसके बाद वफ्फ की मीटिंग में जबरदस्त हंगामा हो गया. ओवैसी और बीजेपी के सदस्यों की बीच तीखी बहस की नौबत आ गई.

विपक्षी सदस्यों ने संस्कृति मंत्रालय के प्रतिनिधि पर समिति को “गुमराह” करने का आरोप लगाया और कहा, “आप व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के आधार पर गलत सूचना दे रहे हैं. आप लोगों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन  का मामला बन जाएगा.”

सूत्रों ने बताया कि एएसआई ने अपनी प्रस्तुति में 53 स्मारकों की सूची दी, जिन पर वक्फ अपना दावा करता है. इनमें से कुछ को देश की आजादी से पहले का इतिहास रखने वाले एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित किए जाने के लगभग एक सदी बाद वक्फ की संपत्ति घोषित किया गया.

सूची में ऐसा ही एक उदाहरण महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित निजाम शासक अहमद शाह की कब्र का दिया गया, जिसे एएसआई ने 1909 में संरक्षित स्मारक घोषित किया था, जबकि 2006 में इसे वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया.

जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया और इंटरफेथ कोलिशन फॉर पीस का प्रतिनिधित्व सैयद जफर महमूद ने किया, जो दोनों निकायों के अध्यक्ष हैं. दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एवं एएमयू के पूर्व कुलपति जमीर उद्दीन शाह तथा पैकियम सैमुअल भी संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए.

तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड भी समिति के सामने पेश हुआ. सूत्रों ने कहा कि तीनों निकायों ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है. एएसआई ने यह भी कहा कि विभिन्न वक्फ निकायों ने इसके स्मारकों पर अतिक्रमण किया है और मदरसा तथा शौचालय जैसे निर्माण किए हैं. इसका कुछ विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया कि और कहा कि ये सुविधाएं मुसलमानों के इबादत स्थलों में मौजूद होनी चाहिए.

सूत्रों ने बताया कि एक विपक्षी सांसद ने एएसआई पर आरोप लगाया कि अकेले दिल्ली में 172 वक्फ संपत्तियों पर उसका अनधिकृत कब्जा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सर्वेक्षण निकाय का मार्गदर्शन करने वाला अधिनियम उसे किसी भी स्मारक के धार्मिक चरित्र को बदलने की अनुमति नहीं देता है. सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि हिंदू धार्मिक स्थानों के मामले में एएसआई का रवैया कुछ और है.

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में संसद की संयुक्त समिति की बैठक में भाग लेने वाले सांसदों में भाजपा के निशिकांत दुबे, बृजलाल, तेजस्वी सूर्या और संजय जायसवाल, कांग्रेस के गौरव गोगोई, मोहम्मद जावेद, सैयद नसीर हुसैन और इमरान मसूद, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित अन्य शामिल थे.

कल्चरल मिनिस्ट्री ने वक्फ द्वारा दावा किए गए 53 स्मारकों की एक सूची भी समिति के सामने पेश की और कहा कि कुछ स्मारकों को वक्फ संपत्तियों के रूप में बहुत पहले घोषित किया जा चुका है. कल्चरल मिनिस्ट्री ने प्रेजेंटेशन के वक्त कहा कि उनकी प्रेजेंटेशन अभी पूरी नहीं हैं क्योंकि देश भर से कई स्थानों से रिपोर्ट आनी बाक़ी है, इसलिए उनको आगे भी मौक़ा दिया जाये.

तेलंगाना वक़्फ़ बोर्ड और ज़कात की तरफ़ से कहा गया कि वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति पर क़ब्ज़ा करने के लिए ये सब किया जा रहा है और जानबूझकर परेशान करने की कोशिश की जा रही है.

Tags: Asaduddin owaisi, BJP, Waqf Board



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