कैसी है व्हाइट हाउस की वो 05 स्टार किचन जो मोदी की दावत के लिए बनाएगी तमाम पकवान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका में व्हाइट हाउस को जो शानदार स्टेट डिनर देगा, उसमें उनके पसंद की शाकाहारी व्यंजन परोसे जाएंगे. अमेरिका में जब भी व्हाइट हाउस कोई भोज देता है तो इसकी पूरी तैयारी यहीं का खास 05 स्टार किचन करता है, जिसे दुनिया के राष्ट्रपतियों के बेस्ट किचेन में गिना जाता है,. जानते हैं इसमें कैसे काम होता है. कैसे ये किसी अतिथि के लिए तैयारी करते हैं.
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कहा जाता है कि दुनिया में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष का सरकारी आवास इतना शानदार नहीं है, जितना व्हाइट हाउस. अगर यहां का सेक्योरिटी सिस्टम और सुविधाएं जबरदस्त हैं तो फाइव स्टार किचन उतनी ही जोरदार, जिसका स्वाद अमेरिकी राष्ट्रपति और उनका परिवार तो रोज चखता है. लेकिन वो किचन भी है जो व्हाइट हाउस में आने वाले राजकीय मेहमानों और खास लोगों के लिए भोज समारोह की तैयारी और मेजबानी करती है.
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55,000 स्क्वेयर फुट में फैला व्हाइट हाउस छह मंजिला है. कह सकते हैं कि अमेरिका की असली ताकत इसी बिल्डिंग में है. इसी बिल्डिंग में अमेरिकी की प्रथम फैमिली रहती है. इसी भवन में अमेरिका के राष्ट्रपति का आफिस है. और इसी भवन में वो लंबी चौड़ी किचन भी है, जहां पूरी एक टीम दिन रात खानपान के काम में लगी रहती है.
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व्हाइट हाउस में दो काम ऐसे हैं, जो 24 घंटे चलते रहते हैं. इसमें एक हाउसकीपिंग है और दूसरा किचन. इन दोनों विभागों का स्टाफ यहां लगातार अपनी सेवाएं देता है. इन दोनों के लिए व्हाइट हाउस के पास अच्छी खासी टीम भी है.
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किचन का काम व्हाइट हाउस का सबसे महत्वपूर्ण काम इसलिए है क्योंकि यही वो जगह है, जहां राष्ट्रपति और उनके परिवार के लिए रोज खाना, नाश्ता और ड्रिंक तैयार होता है. यही वो किचन भी है जो दूसरे देश के राष्ट्रप्रमुखों को दिए जाने वाले भोज और महत्वपूर्ण मीटिंग के लिए खान-पान की तैयारी करता है. किचन ही व्हाइट हाउस में अक्सर दी जाने वाली बड़ी पार्टीज के लिए लजीज डिशेज और खाना-पीना तैयार ही नहीं करता बल्कि उन्हें परोसता भी है.
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कभी – कभी तो किचन को बहुत कम समय के नोटिस पर बड़ी तैयारी के लिए जुटना होता है. आमतौर पर राष्ट्रपतियों की बीवियां किचन के कामों में ज्यादा दखल देती हैं. कुछ नहीं भी देतीं. आइजनहावर की पत्नी मैमी व्हाइट हाउस के किचन में तब खासतौर पर सक्रिय हो जाती थीं जब किसी राष्ट्रप्रमुख को दावत दी जाने वाली होती थी. तब पूरा मेनु उन्हीं की अगुवाई में तैयार होता था. हालांकि मौजूदा राष्ट्रपति मेलानिया ट्रंप को किचन के रोजमर्रा के कामों में कोई दिलचस्पी नहीं है.
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हर राष्ट्रपति के ओवल ऑफिस में उनकी टेबल के साथ ही एक बटन होता है, जिसको दबाकर वो अपनी मनमर्जी के स्नैक्स का आर्डर देते हैं. आमतौर पर ये व्हाइट हाउस के मेनु से ही होता है. उसको किचन को तुरंत तैयार करके देना होता है. डोनाल्ड ट्रंप आमतौर पर किचन का रेड बटन दबाकर फ्रेश कोक की डिमांड करते थे. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अक्सर इस बटन को दबाकर गर्म चाय मंगाते थे.
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क्रिस्टेटा कोमरफोर्ड पिछले करीब 16 सालों से व्हाइट हाउस के एग्जीक्यूटिव शेफ हैं. वह बिल क्लिंटन के समय व्हाइट हाउस में अस्सिटेंट शेफ बनकर आईं. फिर तरक्की करती गईं. वह बराक ओबामा के समय में व्हाइट हाउस के किचन की प्रमुख रहीं. फिर ट्रंप के समय में भी. अब भी हैं. वह महिला हैं और फिलीपीनो-यानि व्हाइट हाउस का मुख्य शेफ एशिया से ताल्लुक रखने वाला है. वो फिलिपीन्स में पैदा हुईं. 1985 में अमेरिका चली गईं. तब वह 23 साल की थीं.
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जब व्हाइट हाउस के मुख्य शेफ ने 2005 में इस्तीफा दिया तब जार्ज बुश जूनियर राष्ट्रपति थे. व्हाइट हाउस की किचन में एग्जिक्यूटिव शेफ को नियुक्त करने का अधिकार प्रथम महिला का होता है तो तब फर्स्ट लेडी लौरा बुश ने उन्हें एग्जीक्यूटिव शेफ बनाकर किचन की पूरी जिम्मेदारी दे दी. वैसे उन्हें ये पोजिशन दिलाने का श्रेय भी तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी जाता है. मनमोहन सिंह को दिए गए बड़े डिनर को उन्होंने जिस तरह हैंडल किया, उससे मिसेज बुश उनसे बहुत प्रभावित हुईं. (courtesy white house)
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राष्ट्रपति का खाना हमेशा बहुत सावधानी से तैयार किया जाता है. सर्व करने से पहले इसकी जांच होती है. व्हाइट हाउस में बाहर का खाना नहीं आ सकता. उसकी अनुमति नहीं होती. हालांकि ट्रंप के टर्म में व्हाइट हाउस में बाहर से मैकडोनाल्ड, वेंडीज और बर्गर किंग के फास्ट फूड आने लगे थे, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप को वही पसंद आते थे.
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व्हाइट हाउस का ये किचन किसी भी समय 140 मेहमानों का डिनर परोसने की क्षमता रखता है. हां, अगर राष्ट्रपति और उनका परिवार कोई बड़ी दावत दे रहे हैं तो इसकी जानकारी किचन के पास पहले से होनी चाहिए ताकि वो 1000 लोगों तक की व्यवस्था कर सके. अगर राष्ट्रपति और उनका परिवार व्यक्तिगत पार्टी करता है तो उन्हें इस्तेमाल की गई सामग्री का बिल महीने के आखिर में खुद देना होता है.
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व्हाइट हाउस में 132 कमरे हैं, इसमें तीन कमरों में किचन है. मुख्य किचन के साथ व्हाइट हाउस में पेस्ट्री किचन और एक फैमिली किचन है, जो राष्ट्रपति के लिए ब्रेकफास्ट और खाना तैयार करता है.
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हर चार साल में व्हाइट हाउस के किचन के खान-पान, मेनु और व्यवस्था में बदलाव होता है जबकि इस भवन में कोई नया राष्ट्रपति आता है. इसमें भी 20 जनवरी के दिन जब नया राष्ट्रपति इस भवन में आता है, उस दिन दोपहर में सबकुछ निवर्तमान राष्ट्रपति के अनुसार तैयार होता है और फिर अगले छह घंटों में उन्हें नए राष्ट्रपति के हिसाब सारी तैयारियां करनी होती हैं.
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व्हाइट हाउस के किचन में नौकरी स्टाफ मेंबर्स की रिकमंडेसन पर ही मिलती है. यहां सीधे किसी को नौकरी पर नहीं रखा जाता. व्हाइट हाउस के किचन में कुछ परिवार कई पीढ़ियों से काम कर रहें हैं. वैसे व्हाइट हाउस कई भारतीय प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों को दावत दे चुका है. और इस बार फिर वो मोदी के लिए खास शाकाहारी पकवान बना रहा है.