कैसे मिला दुनिया का सबसे बड़ा भूमिगत शहर? 20000 लोग कभी रहते थे यहां, कहानी बेहद दिलचस्‍प



Derinkuyu कैसे मिला दुनिया का सबसे बड़ा भूमिगत शहर? 20000 लोग कभी रहते थे यहां, कहानी बेहद दिलचस्‍प

Amazing  Facts: दुनिया के सबसे बड़े शहरों के बारे में तो आपने खूब सुना होगा, लेकिन क्‍या सबसे बड़े भूमिगत शहर के बारे में जानते हैं? ऐसा शहर जहां कभी 200 से अध‍िक कस्‍बे थे और तकरीबन 20000 लोग एक साथ रहा करते थे. तुर्की में बसा यह शहर 1963 में दुनिया के सामने आया. आप जानकर हैरान होंगे कि मुर्गियों की वजह से हमें पता चल पाया कि धरती के नीचे इतना खूबसूरत शहर मौजूद है. आज भी लाखों लोग इन्‍हें देखने के लिए जाते हैं.

हम बात कर रहे हैं तुर्की के कप्पाडोसिया में स्थित डेरिनकुयु सुरंग की. 11 स्‍तर में बनी इस सुरंग के 600 प्रवेश द्वार हैं. इसके अंदर ही चर्च, बाथरूम-कब्र‍िस्‍तान और पानी पीने के लिए कुएं बनाए गए हैं. बता दें कि इसकी गहराई लगभग 200 फीट है. कहा जाता है कि हजारों साल पहले तुर्क शासन के अत्याचार से बचने के लिए लोगों ने इस सुरंग को बनाया और जाकर उसमें छुप गए थे. खुदाई में निकला दुनिया का सबसे बड़ा शहर हज़ारों साल तक यूं ही जीवंत रहा. ऊंची-ऊंची आलीशान बिल्डिंग की तरह ही इस सुरंग के अंदर घर बने थे. आप जानकर और भी हैरान होंगे कि इन पर जाने के लिए सीढ़ियां भी बनाई गई थी. प्रवेश द्वार पर पत्थर के दरवाजे लगे हुए थे, जो डेढ़ मीटर तक लंबे और 200 से 500 किलो वजनी हैं.

मुर्गियां की वजह से मिला खूबसूरत सुरंग का रास्‍ता
इसके मिलने की कहानी बेहद दिलचस्‍प है. न्‍यूयॉर्क पोस्‍ट ने बीबीसी के हवाले से बताया, यह शहर 1963 में उस समय अस्‍त‍ित्‍व में आया जब एक शख्‍स की मुर्गियां अचानक गायब होने लगीं. जब उसने छानबीन की तो घर के तहखाने में कुछ दरारें नजर आईं. इनमें छेद था और एक सुरंग सी नजर आ रही थी. इसके बाद शख्‍स ने दीवार तुड़वा दी, और जो नजारा दिखा- उससे सब हक्‍का बक्‍का रह गए. बाद में खुदाई हुई तो पता चला कि वहां 600 से अध‍िक सुरंगें मौजूद हैं. इनमें भूमिगत घर, खाद्यान्न गोदाम, मवेशी शेड, स्कूल, वाइनरी, चैपल जैसी चीजें भी दिखीं और दुनिया के इत‍िहासकार हैरान रह गए. 1985 में डेरिंक्यू को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया.

शहर कब बना इसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं
फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एंड्रिया डि जियोर्गी ने बताया, कप्पाडोसिया की मिट्टी में पानी की कमी थी, जिससे चट्टानें आसानी से उखड़ जाती थीं. इसलिए यहीं से भूमिगत मकान बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई होगी. इस क्षेत्र में कुदाल और फावड़े से पत्थर को तराशना अपेक्षाकृत ज्‍यादा आसान था. लेकिन डेरिंक्यू को किसने बनाया और किसे श्रेय दिया जाना चाहिए, इसका सवाल का सही जवाब आज तक नहीं मिल पाया है. जियोर्गी के अनुसार, शहर को फ़्रीजियंस द्वारा डिज़ाइन किया गया हो सकता है. वे कहते हैं, अनातोलिया में फ़्रीजियन सबसे महत्वपूर्ण साम्राज्यों में से एक थे. इनके पास चट्टानों में स्मारकों को तराशने का कौशल था. Derinque का उपयोग भंडारण के लिए किया जाता था, लेकिन जब विदेशी आक्रमण बढ़ने लगे तो स्थानीय लोगों ने इसमें अस्थायी आश्रय लेना शुरू कर दिया. बीजान्टिन काल के दौरान, शहर की आबादी 20,000 तक पहुंच गई.

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