कोई कबाड़ी, कोई मजदूर और कोई ड्राइवर बन बैठे ऐसे ‘इंजीनियर’, पलक झपकते कई राज्यों के लाखों मोबाइल कर डाले बेकार



birthday bakri 19 2024 12 539869b48ff49f42ee6cf009382399a3 कोई कबाड़ी, कोई मजदूर और कोई ड्राइवर बन बैठे ऐसे ‘इंजीनियर’, पलक झपकते कई राज्यों के लाखों मोबाइल कर डाले बेकार

गाजियाबाद. क्राइम ब्रांच पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद व वेव सिटी पुलिस टीम ने ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जिनमें कोई कबाड़ी, कोई मजदूर और कोई ड्राइवर था, ये शातिर इंजीनियरों को भी पीछे छोड़ चुके थे और पलक झपकते ही लाखों को फोन को कबाड़ बना देते थे. अभियुक्तों के कब्जे से मोबाइल टावरों से किये गये चोरी के रेडियो रिसीवर यूनिट, मोबाइल टावरों की बेसबैण्ड यूनिट बरामद हुई है , जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 7 करोड़ रुपये से अधिक है. ये लोग गाजियाबाद, दिल्ली एन0सी0आर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, मध्यप्रदेश व असम में एयरटेल व जिओ कम्पनी के मोबाइल टावरों को निशाना बनाते थे. पांचों अभियुक्‍कतों को जेल भेज दिया गया है.

अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया पिछले कुछ वर्षों से मोबाइल टावरों की बैट्री, रेडियो रिसीवर यूनिट व अन्य इलेक्ट्रानिक डिवाइस की चोर बाजार में काफी मांग चल रही है, मोबाइल टावरों पर लगे उपकरण काफी महंगे होते है और इनको चुराना काफी आसान होता है, माल को पैक करके फईम पानी के जहाज द्वारा हांगकांग भेजता है.

सभी अभियुक्‍त कम पढ़े लिखे

पूछताछ में अभियुक्त शाहरूख मलिक ने बताया कि उसने बी0ए0 द्वितीय वर्ष में पढ़ाई छोडने के बाद कुछ समय बिरयानी की दुकान खोली थी, फिर कबाड़ का काम भाई नईम के साथ किया. नईम, जावेद मीरापुरिया के सम्पर्क में आकर मोबाइल टावरों से चोरी किये गये ईलेक्ट्रानिक डिवाइसों की खरीद-फरोख्त मे लगा, नईम के साथ ही शाहरूख भी यह काम करने लगा. नईम के जेल जाने के बाद शाहरूख ने नईम का काम सम्भाल लिया.

अभियुक्‍त चेन बनाते गए

अभियुक्त वसीम मलिक ने बताया कि कक्षा-2 तक पढ़ने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और मुरादनगर और मेरठ में कबाड़ करने लगा. वसीम की मुलाकात जावेद मीरापुर (चोर) से हुई, उसने वसीम को आर0आर0यू0 के काम के बारे मे बताया, ज्यादा फायदे के लालच मे आकर वसीम ने मोबाइल टावरों से चोरी का माल लेकर शाहरूख व उसके भाई नईम को देना शुरू कर दिया. अभियुक्त अनस ने बताया कि 10वीं तक पढ़ा है, गलत संगत के कारण उसने पढ़ाई छोड़ दी और अपने पिता की दुकान में बैठने लगा. फिर कपड़े की दुकान पर सेल्समैन का काम करने लगा, लेकिन खर्चा ज्यादा होने के कारण वह काम भी छोड़ दिया. अनस की शाहरूख से दोस्ती होने के कारण शाहरूख ने अनस को आर0आर0यू0 की खरीद फरोख्त मे होने वाला फायदा बताकर अपने साथ मिला लिया. अभियुक्त साहिल मलिक ने बताया कि वह 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी और अपने पिता के साथ मजदूरी करने लगा. इसी बीच उसे गोल्डी उर्फ फरहान मिला जो मोबाइल टावरों से चोरी करता था, साहिल गोल्डी तथा उसके साथियों कासिम, राहुल, कय्यूम व जावेद के साथ चोरी करने जाने लगा प्रत्येक चोरी पर साहिल को 5 हजार रुपये मिलने लगे. अभियुक्त कय्यूम ने पढ़ाई छोड़ने के बाद मजदूरी की. फिर ड्राईविंग शुरू की. इसी बीच उसे साहिल व गोल्डी उर्फ फरहान मिले जो मोबाइल टावरों से चोरी करते थे, कय्यूम, गोल्डी तथा उसके साथियों साहिल, कासिम, राहुल व जावेद के साथ चोरी करने जाने लगा क्योकिं कय्यूम गाड़ी भी चलाता है तो कय्यूम को प्रत्येक चोरी पर 8 हजार रुये मिलने लगे. बाकी पैसे गोल्डी उर्फ फरहान, कासिम, राहुल व जावेद आपस में बांट लेते थे.

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