क्या नेहरू, इंदिरा, राजीव और वाजपेयी की तरह मनमोहन सिंह का स्मारक भी राजघाट में बनेगा?
नई दिल्ली. देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन के बाद शुक्रवार को मोदी कैबिनेट की अहम बैठक हुई. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में सभी मंत्रियों ने दो मिनट का मौन भी रखा. बाद में कैबिनेट ने अपने प्रस्ताव में कहा, ‘कैबिनेट पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के दुखद निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता है.’ कैबिनेट ने डॉ. मनमोहन सिंह की याद में शोक प्रस्ताव भी पास किया और उन्हें श्रद्धांजलि भी दी. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को कहां होगा ये अभी तय नहीं है. राजघाट के पास देश के कई पूर्व प्रधानमंत्रियों जैसे पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, चरण सिंह , अटल बिहारी वाजपेयी और चंद्रशेखर जैसी शख्सियतों का स्मारक भी बना हुआ है. राजघाट महात्मा गांधी का समाधि स्थल है. ऐसे में सवाल है कि क्या नेहरू, इंदिरा, राजीव और वाजपेयी की तरह मनमोहन सिंह का स्मारक भी राजघाट में बनेगा?
डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 11:30 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. इस दिन केंद्र सरकार के सभी कार्यलयों और सीपीएसयू में आधे दिन का अवकाश घोषित किया गया है. इसी बीच कांग्रेस के सीनियर लीडर और कटिहार से लोकसभा सांसद तारिक अनवर ने मनमोहन सिंह को लेकर बड़ी मांग कर डाली. न्यूज18इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, हम लोग चाहते हैं, पूरा देश चाहता है कि डॉ. मनमोहन सिंह का एक स्मारक बने. अब ये सरकार को तय करना है. ऐसे में सवाल है कि डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक कहां बनेगा? क्या अन्य प्रधानमंत्रियों की तरह उन्हें भी राजघाट के पास जगह दी जाएगी? हालांकि, स्मारकों को लेकर बीते दिनों सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया था. आइए जानते हैं कि उसमें क्या कहा गया है?
राजघाट के पास मनमोहन सिंह का स्मारक बनेगा?
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया है. परिवार से पूछकर भी इस बारे में फैसला लिया जाता है. हालांकि, हाल के वर्षों में अटल बिहारी वाजपेयी को छोड़ दें तो किसी पूर्व पीएम का स्मारक राजघाट में नहीं बना. इसकी पहली वजह राजघाट के पास जगह की कमी और दूसरी दिल्ली को स्मारकों का शहर बनाने से बचाया जा सके. हालांकि, कई पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट में हुआ है. कइयों के स्मारक भी हैं. लेकिन अब सरकार को फैसला लेना है कि राजघाट पर ही स्मारक बनाया जाए या नहीं.
राजघाट के पास किन-किन प्रधानमंत्रियों का स्मारक है?
पूर्व प्रधानमंत्रियों के निधन पर राजघाट पर अंतिम संस्कार के कई नियम होते हैं. राजघाट महात्मा गांधी का समाधि स्थल है और यहां अंतिम संस्कार करने पर कई प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ता है. महात्मा गांधी के बाद राजघाट पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गाधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, चंद्रशेखर सहित कई प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार किया गया है. बाद में इन शख्सियतों के लिए राजघाट के पास अलग से समाधि स्थल भी बनाया गया है. ऐसे में मोदी कैबिनेट के प्रस्ताव से लगता है कि अब समाधि स्थल बनाने की परंपरा खत्म कर दी गई है.
देश के किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है. शव को तिरंगे में लपेटकर 21 तोपों की सलामी दी जाती है. अंतिम संस्कार से पहले पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार की राय ली जाती है. ऐसे में मनमोहन सिंह का परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजघाट को चुना है, जिसके बाद कैबिनेट ने प्रस्ताव पासकर उस पर मुहर लगा दी. पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार के वक्त प्रधानमंत्री पीएम मोदी भी मौजूद रह सकते हैं. इसके अलावा पक्ष-विपक्ष के नेताओं के साथ-साथ सभी केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी भी प्रोटोकॉल में है. सेना या सशस्त्र बलों का बैंड और जवान भी अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 27, 2024, 18:46 IST