क्या पटरी से उतर गई है कोलकाता की पुलिसिंग? जजों ने लिखा पत्र- हम सुरक्षित नहीं


कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर बिटिया से रेप और उसकी हत्या मामले को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. इस घटना को लेकर हर तरफ कोलकाता पुलिस की आलोचना हो रही है. इस बीच महानगर के जजों ने अपनी सुरक्षा को लेकर एक पत्र लिखा है. इससे नया बखेड़ा पैदा हो गया है. डायमंड हार्बर उप-न्यायालय के वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. जजों ने एक पत्र में कहा है कि रविवार रात को एक शख्स उक्त अधिकारियों के आवासीय क्वार्टर के बाहर डराने की कोशिश करते हुए ताका झांकी कर रहा था.

अधिकारियों को संदेह है कि इस शख्स का मकसद न्यायपालिका में भय पैदा करना और न्यायिक काम बाधित करना था. पत्र में आरोप लगाया गया है कि वह व्यक्ति आवासीय परिसर की बिजली आपूर्ति काटने की ताक में था. न्यायिक अधिकारियों ने असामाजिक तत्वों और पुलिस के बीच मिलीभगत की भी आशंका जताई है. अधिकारियों का मानना है कि पॉक्सो कानून से जुड़े मामलों में हाल ही में आदेश पारित होने के मामले में ही उक्त व्यक्ति उन्हें धमकाने आया था. इसे लेकर राज्य में सियासी उबाल आ गया है.

एसपी राहुल गोस्वामी ने कहा कि उन्होंने सीसीटीवी खंगाला है और एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. उससे पूछताछ कर रहे हैं, हम लोगों ने उनके क्वार्टर की सुरक्षा भा बढ़ा दी है. बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि पुलिस के खिलाफ शिकायत है तो पुलिस ही कैसे जांच कर सकती है, मामले की जांच सीबीआई करे. इस पर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि एक व्यक्ति उनके आवासीय इलाके में बस ताका झांकी कर रहा था किसी मामले से उसका कोई लेना देना नहीं है.

FIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 23:36 IST



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