क्या वाकई भगवान होते हैं? वैज्ञानिकों ने खोजा सदियों से उठ रहे इस सवाल का जवाब
<p style="text-align: justify;">क्या ईश्वर वाकई में है? ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बाद से ही यह सवाल बहस का एक बड़ा विषय बना हुआ है. धार्मिक या फिर ईश्वर में विश्वास रखने वाले लोगों को जवाब होता है कि हां ईश्वर है और उसी ने इस ब्रह्मांड की रचना की. हालांकि, वैज्ञानिक और विशेष तौर पर नास्तिकों का एक समुदाय इस बात को अस्वीकार करता रहा है और उनके अपने तर्क हैं. </p>
<p style="text-align: justify;">ईश्वर के अस्तित्व पर विश्वास न रखने वाले लोग इसके पीछे बिग बैंग थ्योरी का हवाला देते हैं. उनका तर्क है कि 14 अरब साल पहले बिग बैंग की वजह से ही यह सबकुछ शुरू हुआ. हालांकि, इस सवाल में भी कई सवाल छिपे हैं, जो फिर से ईश्वर के अस्तित्व पर आकर खत्म हो जाते हैं. एक बार फिर वैज्ञानिकों ने सदियों से चले आ रहे इस सवाल तलाशने की कोशिश की है, आइए उन्हें जानते हैं… </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ईश्वर का अस्तित्व</strong></p>
<p style="text-align: justify;">यह बात और है कि अभी तक हमें ईश्वर के होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है. इसके बावजूद कई लोग ईश्वर के अस्तित्व पर विश्वास रखते हैं और इसके लिए कई तर्क रखते हैं. पेंसिल्वेनिया में विलानोवा यूनिवर्सिटी में धर्मशास्त्री डॉ. इलिया डेलियो का कहना है कि समाज ने लंबे समय से ईश्वर को मानवीय विशेषताओं के रूप में माना है, लेकिन इससे ईश्वर मानव नहीं बन जाता। उन्होंने कहा, हमने ईश्वर को मानव रूप में स्वीकार किया है और उसे एक ‘सुपरमैन’ बना दिया है जो आकाश में रहने वाला एक बड़ा आदमी है और लोग उसके अस्तित्व को स्वीकार या अस्वीकार करते हैं. हालांकि, ईश्वर कोई देखने की वस्तु नहीं है, बल्कि एक विषय है. डॉ. डेलियो ने कहा कि अगर कोई ईश्वर के पक्ष या उनके खिलाफ तर्क करता है, तो इसका मतलब है कि उसने ईश्वर शब्द को ही नहीं समझा है. ईश्वर बहस करने की वस्तु नहीं है, बल्कि वह सभी चीजों का आधार है, जो इंसानी कल्पनाओं से बंधा नहीं है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>मानवीय समझ से परे है ईश्वर</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोध छात्र एलेक्जेंड्रोस बटालियास का भी यही मानना है. वह कहते हैं कि ईश्वर कोई वस्तु नहीं, बल्कि एक विषय है. ईश्वर की वास्तविकता सिद्ध करना नामुमकिन है, क्योंकि यह मानवीय समझ से परे है. ऐसा कोई तर्क या सिद्धांत बनाने का कोई तरीका नहीं है जो ईश्वर के अस्तित्व को निष्पक्ष रूप से साबित कर सके, क्योंकि ईश्वर माप की जाने वाली कोई वस्तु नहीं है. उन्होंने कहा, ईश्वर ने ब्रह्मांड बनाया या नहीं, यह एक विवादित मामला है, जिसका कभी कोई निश्चित उत्तर नहीं हो सकता। कई वैज्ञानिक ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करते क्योंकि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, ठीक वैसे ही ईश्वर नहीं है, इसका भी कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है. हालांकि, वैज्ञानिक आम तौर पर इस बात से सहमत हैं कि ब्रह्मांड लगभग 14 अरब साल पहले बिग बैंग के समय अस्तित्व में आया था. इस बीच ब्रिटिश बॉयोलॉजिस्ट रिचर्ड डॉकिन्स ने सात माइलस्टोन्स की पहचान की जो दैवी अस्तित्व में विश्वास को वर्गीकृत करते हैं।</p>
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