क्या सही में पुराने सिक्के लाखों रुपये में बिकते हैं? इन्हें बेचना गैरकानूनी तो नहीं है?
<p>पुराने सिक्कों और स्पेलशल नंबर वाले नोटों के बारे में आपने सुना होगा कि इन्हें अच्छी कीमत पर यानी लाखों में बाजार में बेचा जाता है. कई बार तो ये कीमत करोड़ों में चली जाती है. हालांकि, सोशल मीडिया पर खासतौर से व्हाट्सएप पर शेयर होने वाली इन खबरों में कितनी सच्चाई होती है ये तो फैक्ट चेक के बाद ही पता चल पाएगा. लेकिन ये सच है कि कुछ पुराने सिक्कों और स्पेशल नंबर वाले नोटों के शौकीन इनकी अच्छी खासी कीमत देते हैं. वहीं कुछ म्यूजिएयम और पुरानी चीजें इकट्ठा करने वाले शॉप्स भी ऐसे सिक्कों और नोटों की मोटी कीमत देते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि क्या ये भारत में गैरकानूनी है या कानूनन तौर पर आप अपना सिक्का या नोट बेच सकते हैं.</p>
<h3>क्या कहता है इससे जुड़ा कानून?</h3>
<p>भारत के कानून और भारतीय सिक्का अधिनियम के अनुसार, आपके पास अगर कोई पुराना या स्पेशल नंबर वाला सिक्का है और उस पर आपका ही स्वामित्व है तो आप इसे मनचाहे कीमत पर बेच सकते हैं. हालांकि, इस कानून में ये भी लिखा है कि आप इस तरह के सिक्कों की जमाखोरी नहीं कर सकते. यानी ऐसा ना हो कि आपके पास इस तरह के हजारों लाखों सिक्के हों, अगर ऐसा हुआ तो फिर आपको जमाखोरी के मामले में जेल हो सकती है.</p>
<h3>कहां बेच सकते हैं अपने पुराने सिक्के और नोट?</h3>
<p>अब जमाना ऑनलाइन का है तो आप अपने सिक्के और नोट बड़े आराम से ऑनलाइन बेच सकते हैं. पुराने सिक्के अगर आप बेचना चाहते हैं तो इसके लिए नूमिज़्मैटिक्स पर जाकर बेंच सकते हैं. वहीं करेंसी यानी नोट के लिए आप नोटाफिलिस्ट नाम की वेबसाइट पर जा सकते हैं. वहीं आप CoinBazzar, Indiamart और Quikr जैसे कुछ प्रमुख वेबसाइट्स पर भी बड़े आराम से अपने दुर्लभ सिक्के और नोट बेच सकते हैं. हालांकि, इस दौरान आपको फ्रॉड से बच के रहना है. क्योंकि आरबीआई ने ऐसे फ्रॉड्स के बारे में पहले भी चेतावनी जारी की है कि नोट और सिक्का बेचने के चक्कर में कहीं आप किसी फ्रॉड का शिकार ना बन जाएं.</p>
<p><strong>ये भी पढ़ें: <a href="https://www.abplive.com/gk/what-is-the-meaning-of-a-developed-country-difference-between-developed-and-developing-country-2476367">विकसित देश का मतलब क्या होता है, भारत ऐसा क्या करेगा कि विकासशील से विकसित देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा</a></strong></p>
Source link