क्या सैफ अली खान को चाकू मारने वाले को बचा सकता है बांग्लादेश, इन मामलों में कैसे होती है सजा?
<p style="text-align: justify;">बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर बीते दिनों चाकू से हमला हुआ था. यह हमला उनके घर पर ही हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम को गिरफ्तार किया है. आरोपी शरीफुल इस्लाम एक बांग्लादेशी नागरिक है और वह अवैध तरीके से भारत आया था. सूत्रों के हवाले से सामने आया है कि शरीफुल इस्लाम ने पुलिस के सामने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है.</p>
<p style="text-align: justify;">बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी पर देश में राजनीति शुरु हो गई है और कई तरह के बयान भी सामने आए हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या भारत में किसी दूसरे देश के नागरिक को गिरफ्तार कर सजा दी जा सकती है? क्या बांग्लादेश की सरकार शरीफुल इस्लाम को बचा सकती है? क्या शरीफुल इस्लाम को राजनयिक प्रतिरक्षा मिल सकती है? इस मामले में सजा का क्या प्रावधान है? जानते हैं… </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>दूसरे देश के नागरिक को मिल सकती है सजा? </strong></p>
<p style="text-align: justify;">भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां का कानून हर किसी पर समान रूप से लागू होता है. जहां तक सैफ अली खान मामले में बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी का सवाल है तो इस मामले में भी आरोपी शरीफुल इस्लाम पर भारतीय कानून यानी भारतीय न्याय संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा उस पर अवैध रूप से भारत की सीमा में दाखिल होने के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या बांग्लादेशी सरकार उसे बचा सकती है? </strong></p>
<p style="text-align: justify;">दूसरा सवाल है कि क्या बांग्लादेश की सरकार किसी आरोपी को बचा सकती है? दरअसल, यह दो देशों के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि पर निर्भर होता है. भारत ने कई देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि की है, जिसमें बांग्लादेश भी शामिल है. इसके तहत दोनों देश एक दूसरे को अपने देश में हुए अपराधों के लिए फरार अपराधियों को सौंपने के लिए सहमत होते हैं. हालांकि, यह मामला इससे अलग है. ऐसे में बांग्लादेश अपने नागरिक की प्रत्यर्पण की मांग करता भी है तो यह भारत पर निर्भर है कि वह उसे सौंपता है या नहीं. यह बहुत तक दो देशों के बीच राजनयिक संबंधों पर भी निर्भर होता है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बांग्लादेशी नागरिक को मिल सकती है प्रतिरक्षा </strong></p>
<p style="text-align: justify;">राजनयिक प्रतिरक्षा एक अंतरराष्ट्रीय कानून है. इसके तहत दूसरे के राजनयिकों और नेताओं को प्रतिरक्षा मिली होती है. इसका उद्देश्य दो देशों के बीच राजनयिक संबंधों को मजबूत करना होता है. ऐसे में राजनयिक प्रतिरक्षा पाए राजनयिकों व नेताओं को मेजबान देश में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, न ही उनके निवास स्थान पर तलाशी ली जा सकती है. हालांकि, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि वह व्यक्ति किस स्थिति में भारत आया है. निजी यात्रा मामले में प्रतिरक्षा नहीं मिलती है और उस पर मेजबान देश के कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सकती है. </p>
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