क्या होता है टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज में फर्क, जानें डॉक्टर का जरूरी अलर्ट


Agency:News18 Uttar Pradesh

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Health tips diabetes : मधुमेह भारत में तेजी से फैल रही स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है लेकिन अगर लोग अपनी जीवनशैली सुधार लें तो टाइप 2 डायबिटीज को तो रोका ही जा सकता है.

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टाइप 1 और टाइप 2: जानिए बड़ा अंतर

हाइलाइट्स

  • टाइप 1 डायबिटीज ऑटोइम्यून बीमारी है.
  • टाइप 2 डायबिटीज जीवनशैली से जुड़ी है.
  • स्वस्थ जीवनशैली से टाइप 2 डायबिटीज रोकी जा सकती है.

गाजीपुर. डायबिटीज यानी मधुमेह देश में तेजी से बढ़ रही स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. डॉक्टरों के मुताबिक, अगर लोग अपनी जीवनशैली सुधार लें तो टाइप 2 डायबिटीज पर लगाम लगाई जा सकती है. डायबिटीज के दो प्रमुख प्रकार हैं. महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज (गाजीपुर) के डॉक्टर धनंजय वर्मा ने टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज में अंतर बताया है.

टाइप 1 : यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती है. यह बच्चों और किशोरों में अधिकतर पाई जाती है.

टाइप 2 : ये मुख्य रूप से 35 साल से अधिक उम्र के लोगों में होती है. इसका कारण निष्क्रिय जीवनशैली, मोटापा और अस्वास्थ्यकर खानपान है.

डॉ. धनंजय वर्मा बताते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज के शुरुआती चरण में इंसुलिन की जरूरत नहीं पड़ती है. इसे ओरल थेरपी (गोलियों) के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन अगर समय पर इलाज न हो तो इंसुलिन लेनी पड़ती है. डायबिटीज के लक्षणों के बारे में उन्होंने बताया कि इसमें पेशाब की मात्रा बढ़ जाती है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में पॉलीयूरिया (Polyuria) कहते हैं. डॉ. वर्मा का कहना है कि डायबिटीज को रोकने और नियंत्रित करने के लिए सबसे जरूरी है स्वस्थ जीवनशैली अपनाना. ऑफिस में लंबे समय तक बैठने से बचें. हर घंटे कुछ मिनटों की फिजिकल एक्टिविटी करें. बाहर का चाउमिन, बर्गर और अन्य जंक फूड न खाएं. ये सब आपके ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकते हैं.

डॉक्टर वर्मा के अनुसार, भारत में डायबिटीज से ग्रसित लोगों की संख्या 2045 तक 10 करोड़ तक पहुंच सकती है. इसका मुख्य कारण बदलती जीवनशैली, शहरीकरण और अस्वास्थ्यकर खानपान है. डॉक्टरों और विशेषज्ञों का मानना है कि डायबिटीज से बचने के लिए दिनचर्या में छोटे लेकिन प्रभावी बदलाव किए जा सकते हैं, जैसे- हर दिन 30 मिनट का व्यायाम करें, जंक फूड और अधिक चीनी से बचें, वजन नियंत्रित रखें और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं.

डायबिटीज केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि गलत जीवनशैली का परिणाम है. डॉक्टर धनंजय वर्मा का कहना है कि स्वस्थ खानपान और नियमित शारीरिक गतिविधियों से डायबिटीज को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है. इसलिए, जागरूक रहें और अपनी सेहत का ध्यान रखें.

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