क्या होता है नवजात का टमी टाइम, मांसपेशियों में भर देती है फौलाद, डॉक्टर से जानें फायदे और जरूरी बातें – News18 हिंदी


Tummy Time For Babies: घर में शिशु के जन्म की मां को ही नहीं, पूरे परिवार को खुशी होती है. लेकिन, इससे भी ज्यादा की जरूरत उनकी देखरेख की होती है. क्योंकि, जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है उसकी एक्टिविटी बढ़ने लगती हैं. इन एक्टीविटीज ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इन्हीं एक्टीविटीज में नवजात का टमी टाइम (Tummy Time) भी होता है. जी हां, टमी टाइम का मतलब है कि बच्चे का पेट बल लेटना.

दरअसल जन्म के कुछ माह बाद ही बच्चा हाथ-पैर चलाते हुए पेट के बल लेट जाते हैं. ये एक्टीविटीज उनके विकास और मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए बेहद जरूरी है. यदि बच्चा पेट के बल नहीं भी जा रहा है तो उसे थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर कराना भी जरूरी है. अब सवाल है कि टमी टाइम क्यों जरूरी है? कितने टाइम के लिए इसे कराना चाहिए? किस उम्र से कर सकते शुरू और इसके फायदे क्या हैं? इस बारे में News18 को बता रहे हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिशियन डॉ. कैलाश सोनी-

क्या होता है टमी टाइम?

डॉ. कैलाश सोनी के मुताबिक, टमी टाइम का मतलब बच्चे को उसके पेट के बल लेटाने से है. लेकिन, सबसे जरूरी बात यह है एक्टीविटीज तब करें, जब वो जाग रहा हो. साथ ही उसकी निगरानी कोई कर रहा हो. ऐसा करने से बच्चों का ओवरऑल डेवलपमेंट होता है और उसके दिमाग का ठीक से विकास होता है. वहीं, यदि इस पोजिशन को बच्चा खुद करने की कोशिश करता है, तो उसका बॉडी मूवमेंट भी ठीक तरीके से होता है.

नवजात के लिए टमी टाइम के फायदे?

एक्सपर्ट के मुताबिक, नवजात को टमी टाइम कराने से उनके विकास की अच्छी ग्रोथ होती है. बच्चे की गर्दन, कंधे और बाहों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. साथ ही पेट के बल लिटाने से बच्चे का शरीर जल्द उठने-बैठने के लिए सक्रिए हो जाता है, जिससे बच्चा जल्दी ही खुद से घुटनों के बल चलना शुरू कर सकता है. वहीं, सामान्यता, बच्चे लंबे समय तक सीधे लेटे रहने से उनका सिर चपटा हो सकता है. इसलिए थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में पेट के बल लिटाने से सिर चपटा नहीं होता है.

बच्चों को पेट के बल कितने समय लिटाएं?

सेहत लाभ के लिए बच्चे को टमी टाइम कब से कराएं? लिटाने के लिए कितना समय है पर्याप्त? ये सवाल हर किसी को जानना बेहद जरूरी है. तो बता दें कि, बच्चे के जन्म के 2 या 3 दिन बाद से ही टमी टाइम सेशन शुरू कर सकते हैं. ध्यान रहे कि, ये एक्टीविटी देखरेख में केवल 3 से 5 मिनट तक ही करें. साथ ही, जब बच्चे का पेट भरा हो या उसने फीड लिया हो, तो उस समय टमी सेशन न दें. हालांकि, उम्र बढ़ने के साथ आप बच्चे को दिनभर में 4 से 5 बार 5 से 10 मिनट के लिए भी पेट के बल लिटा सकते हैं. कुछ मिलाकर 2 महीने की उम्र तक बच्चों को हर दिन 15 मिनट से 30 मिनट तक थोड़े-थोड़े अंतराल में पेट के बल लिटा सकते हैं.

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