क्‍या 1999 की तरह पीठ में छुरा घोंपने की फिराक में है पाकिस्‍तान? BSF के दावे से हड़कंप, बॉर्डर पर अलर्ट – pakistan conspire to repeat 1999 kargil incident 150 terrorist on jammu kashmir launchpad jaishankar pakistan tour


श्रीनगर. विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए इस्‍लामाबाद जाने वाले हैं. उनकी यह यात्रा कुछ ही दिनों बाद होने वाली है. दूसरी तरफ, जम्‍मू-कश्‍मीर बॉर्डर पर तैनात BSF के दावे ने हड़कंप मचा दिया है. बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए बताया कि सीमा पार बने लॉन्‍चपैड पर तकरीबन 150 आतंकवादी भारत में घुसने की फिराक में हैं. पाकिस्‍तान की इस फितरत ने साल 1999 की याद दिला दी. फरवरी 1999 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शांति का संदेश देते हुए बस से लाहौर की यात्रा की थी. उसके बाद पाकिस्‍तान ने करगिल में युद्ध छेड़ दी थी. ऐसे में एक ही आशंका गहराने लगी है कि क्‍या पाकिस्‍तान साल 1999 की तरह ही इस बार भी पीठ में छुरा घोंपने की साजिश रच रहा है?

दरअसल, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक सीनियर अफसर ने शुक्रवार को कहा कि सर्दियों का मौसम नजदीक आते ही कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने के लिए करीब 150 आतंकवादी LoC के पार विभिन्न लॉन्‍च पैड पर इंतजार कर रहे हैं. उन्‍होंने आगे कहा कि सुरक्षाबल ऐसी किसी भी कोशिश को नाकाम कर देंगे. BSF के IG (कश्मीर फ्रंटियर) अशोक यादव ने कहा, ‘घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं. विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त खुफिया सूचनाओं के आधार पर हम सीमा पर नियंत्रण की योजना बनाने के लिए सेना के साथ कोऑर्डिनेट करते हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम लॉन्चिंग पैड पर आतंकवादियों की संख्या को भी ध्यान में रखते हैं, जिससे हमें अपनी रणनीति बनाने और आतंकियों को काबू करने की योजना को आकार देने में मदद मिलती है, ताकि हम किसी भी साजिश को विफल कर सकें.’

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कितने आतंकी?
BSF के IG से जब सवाल किया गया कि लॉन्‍च पैड पर कितने आतंकवादी इंतजार कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि लॉन्चिंग पैड पर आतंकवादियों की संख्या आमतौर पर 130 से 150 के बीच रहती है और कई बार यह थोड़ी ज्यादा हो सकती है. जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव कराने के बाद की चुनौतियों पर BSF के अधिकारी ने कहा कि सुरक्षाबलों ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर काम किया. उन्होंने कहा, ‘खतरे की कई सूचनाएं थीं, लेकिन अच्छी योजना के साथ हमने कोई हमला नहीं होने दिया और चुनाव सफल रहे. अब सर्दियों के करीब होने के साथ ही तैयारियां पूरी हो गई हैं. सर्दियों के आने से पहले आतंकवादी अक्सर घुसपैठ का प्रयास करते हैं और हम उस हिसाब से क्षेत्र पर अपना नियंत्रण कर रहे हैं.’

LoC पर ड्रग की तस्‍करी
पश्चिम एशिया में अस्थिरता के हालात से घाटी में किसी तरह के असर के बारे में पूछे जाने पर बीएसएफ के आईजी ने कहा कि सुरक्षाबलों के पास संकट का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन इन अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम का विश्लेषण किया जाता है और उसी के अनुसार योजनाएं भी बनाई जाती हैं. ड्रग स्‍मगलिंग के जरिये आतंकवाद (नार्को टेररिज्म) फैलाने के बारे में एक सवाल पर आईजी यादव ने कहा कि नियंत्रण रेखा के उस पार से नशीले पदार्थ आते हैं और आतंकवाद को धन मुहैया कराने का यह बड़ा साधन है. उन्होंने कहा, ‘नियंत्रण रेखा पर तंगधार और केरन सेक्टर जैसे कुछ संवेदनशील क्षेत्र हैं, लेकिन हमने ड्रग तस्‍करी को रोकने के लिए मोबाइल बंकर और महिला सैनिकों को तैनात किया है.ऐसी सूचना थी कि आतंकवादी कुछ महिलाओं को कूरियर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है और हम इसे काफी हद तक कम करने में सफल रहे हैं.’

(इनपुट: भाषा)

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