क्रिकेट में कनकशन सब्स्टीट्यूट क्या है? शिवम दुबे की जगह हर्षित राणा को क्यों दी गई गेंदबाजी की अनुमति, जानिए क्या कहता है नियम
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Concussion sub rule: चौथे टी20 में तेज गेंदबाज हर्षित राणा को कनकशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर मैदान पर उतारा गया. शिवम दुबे की जगह उतरे राणा अपने डेब्यू मैच में हीरो बन गए.उन्होंने अहम मौकों पर इंग्लैंड के 3 विकेट…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- ऑलराउंडर शिवम दुबे को जेमी ओवरटन की गेंद हेल्मेट पर लगी
- हर्षित राणा को शिमव दुबे की जगह कनकशन सब के तौर पर उतारा गया
- हर्षित राणा ने डेब्यू टी20 में 3 विकेट लेकर भारत की जीत में अहम रोल अदा की
नई दिल्ली. भारत बनाम इंग्लैंड चौथे टी20 मैच में डेब्यूटेंट हर्षित राणा छा गए. टॉस के बाद जब कप्तान सूर्यकुमार यादव ने प्लेइंग इलेवन का ऐलान किया उसमें तेज गेंदबाज हर्षित राणा का नाम नहीं था. मैच शुरू होने के लगभग 2 घंटे बाद हर्षित की प्लेइंग इलेवन में एंट्री हुई और वह गेंदबाजी में कहर बनकर इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर टूट पड़े. हर्षित ने करियर के पहले ही टी20 इंटरनेशनल मैच में 3 विकेट लेकर टीम इंडिया को शानदार जीत दिलाई. इस तेज गेंदबाज को शिवम दुबे के कनकशन सब्स्टीट्यूट के तौर भारतीय टीम में अचानक शामिल किया गया था.और हर्षित ने इस मौके को दोनों हाथों से लपका. भारत ने पुणे टी20 में इंग्लैंड को 15 रन से हराकर 5 मैचों की सीरीज में 3-1 की बढ़त बना ली. मैच बाद हर्षित की खूब वाहवाही हो रही है.
शिवम दुबे (Shivam Dube) को भारतीय पारी के आखिरी ओवर में पेसर जेमी ओवरटन की गेंद हेल्मेट पर जाकर लगी. इसके बाद नियम के मुताबिक तुरंत फिजियो को मैदान पर बुलाया गया. फीजियो ने शिवम दुबे की जांच की. हालांकि फीजियो ने शिवम को ग्रीन सिग्नल दिया और भारतीय ऑलराउंडर ने बैटिंग जारी रखी. शिवम ने बाउंसर लगने के बाद 2 गेंदें और खेली. इसके बाद भारतीय टीम जब फील्डिंग के लिए ग्राउंड पर उतरी तब शिवम टीम के साथ नहीं आए.उनकी जगह पर हर्षित राणा (Harshit Rana) को सब्स्टीट्यूट फील्डर के तौर पर देखा गया. इसके बाद बीसीसीआई (BCCI) की ओर से यह अपडेट आया कि हर्षित को शिवम दुबे के कनकशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर उतारा गया है.
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अगर किसी खिलाड़ी के सिर में चोट या किसी भी तरह की उसे टक्कर लगी हो तो उसे कनकशन कहा जाता है. इसका सीधा असर दिमाग पर होता है.यह चोट सिर या चेहरे पर या गर्दन के आसपास कहीं भी हो सकता है. इसका मतलब है कि चोट के बाद अगर प्लेयर को देखने, समझने या बेहोशी जैसी परेशानी हो से कनकशन कहते हैं .
आईसीसी ने से 1 जुलाई 2019 को इस नियम को लागू किया. इसके तहत अगर किसी खिलाड़ी को लाइव मैच में चोट लगती है तो मेडकिल टीम उसका तुरंत जांच करेगी. तब ये देखा जाएगा कि खिलाड़ी को चोट लगने के बाद चक्कर आदि तो नहीं आ रहे हैं. उसे साफ दिखाई तो दे रहा है. उसे दर्द तो नहीं हो रहा है. इसके बाद ही खेल को आगे बढ़ाया जाएगा.अगर किसी खिलाड़ी में ये लक्षण पाए जाते हैं तो मैच रेफरी के पास यह अधिकार होता है वह विपक्षी टीम के आग्रह पर उस खिलाड़ी जगह किसी अन्य को खेलने का मौका दे सकता है. हालांकि यहां पर यह नियम है कि बल्लेबाज को बल्लेबाज से, गेंदबाज को गेंदबाज से और ऑलराउंडर को ऑलराउंडर से ही रिप्लेस किया जाएगा. इसी नियम के तहत रेफरी ने शिवम दुबे की जगह हर्षित को खेलने इजाजत दी .
New Delhi,Delhi
February 01, 2025, 01:49 IST