खत्म होने वाली है रूस-यूक्रेन जंग? पुतिन ने बताया शांति वाला प्लान, बातचीत की परफेक्ट जगह भी बताई


नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच 2 साल से युद्ध चल रहा है. अब इस बात पर चर्चा तेज हो गई है कि आखिर दोनों देश कब युद्ध का रास्ता छोड़ शांति के मार्ग पर चलेंगे. शांति समझौते से जुड़ा एक बड़ा संकेत खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिया है. पुतिन ने शनिवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर कहा कि यूक्रेन संकट को हल करने के लिए और बातचीत के लिए सऊदी अरब एक ‘सही’ स्थान होगा.

एक सवाल के जवाब में राष्ट्रपति पुतिन ने सऊदी शाही परिवार के साथ अपने करीबी व्यक्तिगत संबंधों को स्वीकार किया और कहा कि शांति प्रक्रिया के रास्ते में मुख्य बाधा यूक्रेन का रवैया है जिसने फरवरी 2022 में शुरू हुए संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूस के साथ बातचीत करने के खिलाफ एक फरमान जारी किया है.

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शांति समझौता के लिए सऊदी क्यों परफेक्ट?
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने आगे कहा ‘हम सऊदी अरब को एक मित्र देश मानते हैं. मेरे किंग के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं, और आम तौर पर व्यक्तिगत रूप से और क्राउन प्रिंस के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. और मैं जानता हूं, मुझे बस इतना यकीन है कि सऊदी अरब इस क्षेत्र में जो कुछ भी करता है, वह ईमानदारी से करता है, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है. और इसलिए, अगर सऊदी अरब में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, तो निश्चित रूप से, यह स्थल हमारे लिए काफी आरामदायक है.’

बता दें कि सऊदी अरब को इजरायल-फिलिस्तीन और रूस-यूक्रेन दोनों मोर्चों पर समाधान खोजने के लिए लगाया गया है और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 16 अक्टूबर को ब्रुसेल्स में आयोजित पहले ईयू-जीसीसी शिखर सम्मेलन में सऊदी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. राष्ट्रपति पुतिन ने याद दिलाया कि तुर्की की मदद से रूसी और यूक्रेनी टीमों के बीच बातचीत हुई थी, जिसने एक मसौदा तैयार किया है.

कई देशों की कोशिश
इसके अलावा चीन और ब्राजील जैसे अन्य देश भी संघर्ष को समाप्त करने में सक्रिय रहे हैं. राष्ट्रपति पुतिन ने संघर्ष को समाप्त करने के लिए ब्रिक्स सदस्य देशों के समर्थन को स्वीकार किया और कहा कि रूस चल रहे संवाद प्रयासों की “बहुत सावधानी से” जांच कर रहा है. यूक्रेन में संघर्ष 24 फरवरी 2022 को रूसी मिसाइलों के यूक्रेन पर गिरने के साथ शुरू हुआ और तब से कई देशों ने शांति स्थापित करने का प्रयास किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संघर्ष शुरू होने के बाद से कई मौकों पर शांति के लिए समर्थन जताया है. इस साल की शुरुआत में उन्होंने यूक्रेन और रूसी नेताओं से बातचीत की थी. इसके बाद सितंबर में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत कुमार डोभाल ने मॉस्को का दौरा किया था. हालांकि राष्ट्रपति पुतिन ने तर्क दिया कि शांति के मार्ग में मुख्य समस्या यूक्रेन की रूस के साथ बातचीत करने में अनिच्छा रही है.

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