खरबूजा काटा… सब में बांटा, यहां बर्थडे मनाने का अनोखा तरीका, जानें कौन है मस्तों की टोली


खरगोन. आधुनिक भारत में नई पीढ़ी तेजी से वेस्टर्न कल्चर को अपना रही है. जन्मदिन हो या शादी की सालगिरह केक काटना लाजमी हो गया है. बिना केक कटे सेलिब्रेशन अधूरा माना जाता है. ऐसे में मध्य प्रदेश की एक संस्था ‘मस्तों की टोली’ ने जन्मदिन मनाने का अनोखा और गजब तरीका अपनाया है. संस्था के लोग जन्मदिन पर केक की जगह फल काटते हैं.

जी हां, खरगोन की एक संस्था है, जिसमें अलग-अलग कारोबार एवं नौकरी से जुड़े करीब 60 सदस्य हैं. इसका नाम मस्तों की टोली है. हाल ही में संस्था ने नई और अनोखी पहल की है. इस पहल के तहत संस्था के किसी भी सदस्य का जन्मदिन केक काटकर नहीं मनाया जाता, बल्कि मौसमी फलों को काटकर मनाया जाता है. केक की तरह वह फल सबको बांटते भी हैं.

खरबूजा काटकर मनाया बर्थडे
बता दें कि बीते दिनों 14 मई को संस्था के प्रमुख सदस्य विनोद जिलवाने का 41वां जन्मदिन भी सदस्यों ने कुछ इसी तरह मनाया है. शहर के पहाड़सिंह पुरा में सुबह के समय योग के बाद मस्तों की टोली के सदस्य केक की जगह खरबूजा लाए. विनोद ने केक की तरह खरबूजे को चाकू से काटा और सबको खिलाया. इसके अलावा विनोद ने पूरे दिन में इसी तरह चार बार अलग-अलग फलों को काटकर अपना जन्मदिन मनाया.

फल सेहत के लिए खजाना
Local 18 से बातचीत में योग गुरु विनोद जिलवाने ने बताया कि केक कई तरह के केमिकल से मिलकर बना होता है, जो हमारी सेहत के लिए ठीक नहीं होता. लेकिन, फल हमारी सेहत के लिए किसी खजाने से कम नहीं हैं. शरीर को स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रखने में फलों की अहम भूमिका है, जबकि केक काटना हमारी संस्कृति भी नहीं है.

लोगों से अपील
योग गुरु ने कहा कि आज नई पीढ़ी हमारी भारतीय संस्कृति को छोड़ पाश्चात्य संस्कृति को अपना रही है. फिर चाहे वह खान-पान हो या पहनावा, जबकि यह दोनों ही हमारे लिए ठीक नहीं है. इसलिए मस्तों की टोली ने संस्था के सभी सदस्यों का जन्मदिन इसी प्रकार फल काटकर मनाने की पहल की है. शहर वासियों से भी जन्मदिन इसी प्रकार मनाने की अपील की है. साथ ही रोजाना सुबह फलों का सेवन करने की सलाह दी है.

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