खरीफ की फसलों की बुवाई से पहले किसान कर लें यह काम, नहीं लगेगा रोग, बंपर होगी पैदावार


अंजली शर्मा/ कन्नौज.किसान अगर अपने खेतों में फसलों की पैदावार को बढ़ाना चाहते हैं, तो उसके लिए किसानों को यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया अपनानी होगी. बीज व भूमि जनित रोगों से बचाव के लिए बीज शोधन करना बहुत आवश्यक है. खरीफ के सीजन में बोई जाने वाली फसलों के बीज का शोधन कर किसान अधिक पैदावार कर सकते हैं.

बीज शोधन की विधियां

बीज शोधन ऐसी प्रक्रिया है, जिसको बुवाई से पहले करने से बीज जनित एवं भूमि जनित कई रोगों से फसल की सुरक्षा हो जाती है और फसल का विकास एवं जमाव पर भी प्रभाव पड़ता है. किसानों को बुवाई से पहले बीज शोधन अवश्य करनी चाहिए. बीज शोधन की बहुत सारी विधियां हैं, जिनमें प्रमुख रूप से जैविक विधि, रासायनिक विधि एवं जैव उर्वरक विधि विशेष प्रचलित हैं. इसके अतिरिक्त कई अन्य पारंपरिक विधियां भी हैं, जिनसे बीज शोधन किया जा सकता है. जैसे कि गोमूत्र से, माथा से, पानी से, धूप से, गोबर आदि से.

खरीफ के सीजन की फसलों में मिलेगा लाभ

खरीफ के सीजन में बोई जाने वाली फसलों में प्रमुख रूप से धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, तिल, अरहर होती हैं. जिसमें धान, मक्का, मूंगफली, वृहद स्तर पर की जाती हैं. इन सभी फसलों के बीजों का बीज शोधन करने के बाद बुवाई करना बहुत जरूरी रहता है. धान की फसल में जीवाणु, झुलसा, झोंका रोग, शीश व्हाइट, धब्बा रोग आदि के नियंत्रण के लिए कीटनाशकों का प्रयोग जरूर करना चाहिए.

इन फसलों में डालें यह कीटनाशक

मूंगफली में क्राउन टाट, डाई रूट टाट, कॉलर टाट, टिक्का रोग विशेषकर लगते हैं. अरहर, ऊड़द, मूंग की फसल में उकटा, पत्री धब्बा रोग लगता है. इनसे बचाव के लिए थीरम 75प्रतिशत, कार्वेडाजायिम 50 प्रतिशत को दो अनुपात के अनुसार 3 ग्राम मात्रा में प्रयोग करें.

क्या बोले कृषि रक्षा अधिकारी

कृषि रक्षा अधिकारी अभिशांक सिंह चौहान ने बताया कि फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए किसानों को एक बात सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली है कि अगर उनके खेतों की मिट्टी और उसके बाद बीज अच्छा होगा, तो उनकी फसल अच्छी होगी. ऐसे में मिट्टी का शोधन और बीज का शोधन अत्यंत आवश्यक रहता है. मिट्टी और बीज शोधित होगा, तो उसमें आधे से ज्यादा बीमारियां नहीं लगेंगी. कन्नौज में किसानों को सबसे ज्यादा दीमक रोग की समस्या सताती है. ऐसे में सरकारी कृषि केंद्रों पर जैविक कीटनाशक उपलब्ध रहते हैं. इन कीटनाशकों के उपयोग से किसान अपनी फसल को अच्छा और स्वस्थ रख सकते हैं. दो तरह के कीटनाशक सभी कृषि रक्षा इकाइयों पर 75 प्रतिशत की छूट पर किसानों को मिल जाएंगे.

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