खेती का ATM! 10 हजार से 2 लाख की कमाई, 15 साल तक फलन, कृषि एक्सपर्ट से जानें गणित


झारखंड : किसान अपने आय को बढ़ाने को लेकर कई प्रकार के प्रयोग और नए चीजों की खेती करते है.किसान अपने खेत में आंवले की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते है. ये एक लाभकारी विकल्प है. जो किसान कम लागत में लखपति बन सकते है. आंवले की खेती यह खेती न केवल सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि लागत के बदले इंटीग्रेटेड फार्मिंग कर दो तरफा मुनाफा दिलाता है.

खास बात यह है कि इसे कई प्रकार से व्यवसाय कर सकते हैं. इनमें खड़ा आंवला, आचार और मुरब्बा आदि शामिल है. लेकिन एक सवाल ये उठता है, क्या एक बीघे जमीन में आवले की खेती संभव है? अगर हां, तो इसकी लागत कितनी होगी, और कितना मुनाफा कमाया जा सकता है? ऐसे में कृषि विशेषज्ञ सुयास कुमार ने इन सभी सवालों का जवाब दिया है और बताया है कि कैसे आप घर बैठे ही इस व्यापार को सफलतापूर्वक चला सकते हैं.

एक बीघे में आवले की खेती
कृषि विशेषज्ञ अभिषेक पटेल ने बताया की एक बीघे जमीन में आवले की खेती करना न सिर्फ संभव है, बल्कि यह काफी लाभकारी भी साबित हो सकता है. एक बीघे में लगभग 40 से 50 आवले के पौधे आसानी से लगाए जा सकते हैं. जो तीन से चार साल में हीं फल देने लगते हैं. इसके बाद, इन पौधों से लगातार 15 से 20 साल तक उत्पादन लिया जा सकता है.

लागत का अनुमान
आवले के एक पौधे की कीमत ₹50 से ₹70 तक होती है. एक बीघे में 40 से 50 पौधे लगाने पर शुरुआती लागत लगभग ₹2,500 से ₹3,500 होगी. जैविक खाद और सिंचाई की लागत प्रति वर्ष लगभग ₹3,000 से ₹5,000 हो सकती है. पौधों की देखभाल, कीटनाशक, और मजदूरी पर प्रति वर्ष लगभग ₹5,000 से ₹7,000 का खर्च आ सकता है. कुल मिलाकर एक बीघे में आवले की खेती के लिए शुरुआती तीन वर्षों में कुल लागत लगभग ₹10,000 से ₹15,000 तक होगी.

कितना होगा फायदा
आवले के पौधे तीसरे वर्ष से फल देने लगते हैं. एक बीघे में आवले की खेती से तीसरे वर्ष में ही लगभग 8,000 से 10,000 केजी आवला प्राप्त हो सकता है. बाजार में आवले की कीमत ₹20 से ₹40 प्रति किलोग्राम हो सकता है. जिससे एक सीजन में ही लगभग ₹1.5 लाख से ₹2 लाख तक की कमाई संभव है. अगले वर्षों में, उत्पादकता और भी बढ़ सकती है, जिससे मुनाफा भी बढ़ेगा.

घर बैठे व्यापार कैसे करें
आवले से विभिन्न उत्पाद जैसे आवला कैंडी, मुरब्बा, जूस, पाउडर आदि बनाकर स्थानीय और ऑनलाइन मार्केट में बेचा जा सकता है. इसके लिए घर पर ही एक छोटा प्रसंस्करण यूनिट स्थापित किया जा सकता है, जिसकी लागत लगभग ₹10,000 से ₹20,000 हो सकती है.

ऑनलाइन बिक्री : आप अपने उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफार्म्स जैसे Amazon, Flipkart, या अपने खुद के ई-कॉमर्स वेबसाइट के माध्यम से बेच सकते हैं. यह आपको अधिक ग्राहकों तक पहुंचने और उच्च मुनाफा कमाने में मदद करेगा. दूसरी ओर स्थानीय मंडियों, रिटेलर्स, और होलसेलर्स के साथ संपर्क कर अपने उत्पादों को बेच सकते हैं. इससे परिवहन लागत भी कम होगी और लाभ अधिक होगा.

क्या है विशेषज्ञ की राय
कृषि विशेषज्ञ डॉ.अभिषेक पटेल ने कहा की आंवला की खेती में किसान इंटीग्रेटेड फार्मिंग भी कर सकते है. आवले की खेती एक बीघे में करना पूरी तरह संभव है और यह एक लाभकारी व्यवसाय बन सकता है. सही देखभाल और प्रसंस्करण तकनीकों के साथ, किसान न केवल अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि उत्पादों को प्रसंस्करण कर और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.

Tags: Agriculture, Jharkhand news, Local18



Source link

x