गजब है इस विश्वविद्यालय का मैनेजमेंट…एक ही ‘गुरुजी’ के हवाले हिंदी-भोजपुरी विभाग, विद्यार्थी परेशान
गौरव सिंह/भोजपुर. बिहार के आरा स्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का उच्च अध्ययन एवं शोध का पीजी विभाग शासन-प्रशासन की उपेक्षा का शिकार बनकर रह गया है. ऐसा नहीं कि यहां छात्र नहीं पढ़ते है. आलम तो यह है कि इस साल पीजी की 75 सीटें पहली मेरिट लिस्ट में ही फुल हो चुकी हैं. अभी यहां पीजी के चार सेमेस्टर के सैकड़ों विद्यार्थियों के अलावा भोजपुरी में रिसर्च करने वाले भी दर्जनों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन इस विश्विद्यालय का भोजपुरी डिपार्टमेंट सिर्फ एक शिक्षक के बदौलत चल रहा है.
चार सत्र में होती है पढ़ाई
भोजपुरी विभाग में मौजूदा समय में चार सत्रों में पढ़ाई होती है. सभी सत्रों को मिलाकर देखा जाए तो 150 से ज्यादा छात्र अभी भोजपुरी से पीजी कर रहे हैं. लेकिन तीनों सत्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सिर्फ हेड ऑफ डिपार्टमेंट दिवाकर पांडेय पर है. पीजी की छात्रा आशा कुमारी ने बताया कि सिर्फ एचओडी सर की बदौलत यहां पढ़ाई चल रही है. अन्यथा यह डिपार्टमेंट बंद हो जाता. दिवाकर सर ही हैं जो हमलोगों की पढ़ाई या सिलेबस जैसे-तैसे पूरा करवा देते हैं. वह कहती हैं कि यहां कम से कम अभी 2 या 3 और प्रोफेसर की जरूरत है. वह बताती हैं कि हमलोग 23-25 विद्यार्थी रोजाना क्लास करने आते हैं. लेकिन, दिवाकर सर के अकेले होने के कारण मात्र दो घंटे ही क्लास चल पाता है. जबकि, एक समेस्टर में भोजपुरी का 16 भाग पढ़ना पड़ता है.
क्या कहते हैं विभागाध्यक्ष
दरअसल, वर्तमान विभागाध्यक्ष प्रो. दिवाकर पांडेय हिंदी विभाग के भी प्राध्यापक हैं. मगर भोजपुरी में उच्च अध्ययन प्राप्त हैं. इस वजह से उन्हें भोजपुरी विभाग का भी प्रभार सौंपा गया है. उनके कार्यकाल में विभाग की दशा और दिशा में खूब सुधार हुआ है. मगर उनके सामने यक्ष प्रश्न यह है कि केवल एक शिक्षक के सहारे वे कैसे कक्षा कराएं. प्रो. पांडेय कहते हैं कि शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. हम भोजपुरी विभाग में अकेले हैं. ऑफिस के काम के साथ बच्चों को भी पढ़ाते हैं. कुलपति से बात हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही दो शिक्षकों को यहां भेजेंगे. उसके बाद कक्षा संचालित करने में आसानी होगी.
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FIRST PUBLISHED : April 20, 2024, 23:56 IST