गजब! 110 टिप्पर, 30 टीएम और 120 घंटे, तब जाकर भरा धरती का ‘पेट’, गांववाले हो गए खुश


मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के पंडोह में बीती 18 सितंबर को ड्योड टनल के ऊपर जमीन धंसने से बना गड्ढा 5 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद पूरी तरह से भर दिया गया है. प्रारंभिक जांच में राहत भरी बात यह सामने आई है कि जमीन धंसने से टनल को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है. इस दौरान ककरीट औऱ सीमेंट से इसे भरा गया.

सोमवार को एसडीएम सदर, तहसीलदार सदर, आइआइटी और एनएचएआई के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम ने मौके पर जाकर सारी वास्तुस्थिति का जायजा लिया और  यह टीम टनल के अंदर भी गई. टीम ने जांच में पाया कि जो जमीन धंसी है, उससे टनल को अंदरूनी तौर पर फिलहाल कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

एसडीएम सदर का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे असीम सूद ने बताया कि आईआईटी से आई विशेषज्ञों की टीम ने मौके की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर ली है. भविष्य में इनकी रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी. टीम ने टनल के अंदर पाया कि जो जमीन धंसी है, उससे अंदर अभी कोई नुकसान नहीं हुआ है.

110 टिप्पर पत्थर के और 30 टीएम डालकर भरा गया गड्ढा

गड्ढे को भरने के लिए शपूरजी-पलौनजी और एफकॉन्स कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत की. इस गड्ढे को भरने के लिए 110 टिप्पर पत्थर के और 30 टीएम कंकरीट के डालने पड़े. 5 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद इस गड्ढे को सोमवार को पूरी तरह से भर दिया गया है. अब इस पर सरिया और सीमेंट डालकर कंकरिटिंग की जा रही है, ताकि जल्द से जल्द सड़क को यातायात के लिए बहाल किया जा सके.

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टीम ने टनल के अंदर पाया कि जो जमीन धंसी है, उससे अंदर अभी कोई नुकसान नहीं हुआ है.

लोग बोले-गांव को भारी नुकसान हुआ

इस कार्य को जल्दी करने के लिए स्थानीय ग्राम पंचायत हटौण की प्रधान रोशनी देवी सहित डयोड गांव के लोगों ने इस कार्य के लिए शपूरजी पलौनजी कंपनी का आभार जताया है. इसके साथ ही प्रभावितों ने सरकार और प्रशासन से उनके हुए नुकसान पर मुआवजा अदा करने की गुहार लगाई है.  प्रभावित हरदेव शर्मा ने बताया कि इस घटना से लोगों को अपने घर खाली करने पड़े हैं और वे किराए के कमरों में रहने को मजबूर हुए हैं. टनल निर्माण से उनके गांव के सभी जल स्त्रोत सूख गए हैं. ऐसे में गांव के लिए पानी की भी उचित व्यवस्था की जाए.

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