गन्ने का कैंसर है यह रोग! पहचान कर तुरंत शुरू कर दें उपचार, वरना सारी फसल हो जाएगी बर्बाद


पश्चिम चम्पारण. बिहार के तराई जिलों में गन्ने की खेती खूब की जाती है. इस दौरान किसानों को गन्ने के कई रोगों का भी सामना करना पड़ता है. इसके बारें में डॉ. सतीश बताते हैं कि गन्ने की जड़ से लेकर ऊपरी भाग तक में लाल सड़न रोग का प्रकोप होता है. इसकी पहचान यह है कि रोग लगने से गन्ने की पत्तियां पीली हो जाती हैं और उस पर लाल रंग के धब्बे पड़ जाते हैं. ऐसे में संक्रमित गन्ने को काटकर बीच से दो भाग में फाड़ कर देखना चाहिए. यदि गन्ने का गूदा लाल है और उससे सिरके जैसी गंध आ रही है, इसका मतलब फसलों में लाल सड़न रोग का प्रकोप लग चुका है. जानकारों की मानें तो, लाल सड़न रोग एक कवकजनित रोग है, जो गन्ने के तने को संक्रमित करता है. इस रोग के लगने से गन्ने की उपज और क्वालिटी में कमी आती है.

ऐसे करें उपचार
माधोपुर स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में कार्यरत डॉ. सतीश बताते हैं कि अगर गन्ने में लाल सड़न रोग लग जाए तो गन्ने के छोटे-छोटे टुकड़े काट लें. जिन टुकड़ों का सिरा लाल रंग का हो तो उन टुकड़ों को अलग निकाल दें. इसके अलावा रोग प्रतिरोधी प्रजातियों का प्रयोग करना चाहिए. वहीं, खेत में जल निकासी का प्रबंध ठीक से करें. जिन खेतों में पानी भरता है, वहां पर मिट्टी उभारकर गन्ने की बुआई करने से लाल सड़न रोग लगने की कम संभावनाएं रहती हैं.

गन्ने का कैंसर है लाल सड़न रोग
गन्ने में होने वाले लाल सड़न रोग को ‘गन्ने का कैंसर’ भी कहा जाता है. इस रोग से फसल को बचाने के लिए खेती करते समय स्वस्थ और प्रमाणित बीज का प्रयोग करना चाहिए. इसके आलावे बार-बार एक ही खेत में गन्ने की बुवाई करने से लाल सड़न रोग लगने की संख्या बढ़ जाती है. इसलिए फसल चक्र में धान, अलसी, सरसों, प्याज, लहसुन और हरी खाद की फसल लेनी चाहिए.

रोग ग्रसित पौधों को उखाड़कर नष्ट कर दें
रोग ग्रसित पौधों को उखाड़कर नष्ट कर देना चाहिए. फिर वहां पर 5 से 10 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर डालकर मिट्टी से ढक देना चाहिए. इससे मिट्टी में बचे बीजाणु मर जाते हैं. ध्यान रहे कि यह काम सितंबर महीने तक पूरा हो जाना चाहिए. ऐसा करने से रोग का बढ़ाव बहुत कम हो जाता है. साथ ही यदि शुरुआती लक्षण पौधों में 2 प्रतिशत से अधिक हैं तो 10 किलो प्रति एकड़ की दर से ब्लीचिंग पाउडर मिट्टी या रेत में मिलाकर खेत में डाल दें. फिर हल्की सिंचाई करनी चाहिए.

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