गन्ने की खेती के लिए गोंडा के इस किसान ने लगा डाली नर्सरी, क्या थी दिक्कत



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गोंडा. यूपी के गोंडा जिले के विकासखंड हलधरमऊ के एक किसान ने गन्ने की खेती के लिए नर्सरी ही लगा ली. ऐसा कर वे काफी बचत कर रहे हैं. लोकल 18 से बातचीत में नर्सरी लगाने वाले प्रवीण शुक्ला बताते हैं कि इससे बुवाई करने से गन्ने कम लगते हैं. इस तरह से बुवाई में एक बीघा में लगभग एक से डेढ़ कुंतल गन्ना लगता है. नर्सरी नहीं करते हैं तो 5 से 6 कुंतल गन्ना लग जाता है.

प्रवीण बताते हैं कि पहले वे पारंपरिक तरीके से गन्ने की खेती कर रहे थे, उससे गन्ना ज्यादा लगता था. अब नर्सरी डालने के बाद गन्ने की बुवाई करते हैं. इससे लागत की बचत होती है. प्रवीण बताते हैं कि नर्सरी लगाकर गन्ने की खेती करने से काफी फायदा होता है. नर्सरी में गन्ना 60 से 70 दिन में निकल आता है. इसका जमाव भी पहले हो जाता है. इस कारण खेत में हम रोपाई भी पहले कर देते हैं.

सीधी बुवाई और नर्सरी की बुवाई में अंतर
प्रवीण बताते हैं कि उनकी नर्सरी में दो प्रजाति का गन्ना तैयार किया गया है, 14201 और 17231. सीधी बुवाई और नर्सरी के पौधे के बुवाई में अंतर बताते हुए वे कहते हैं कि नर्सरी के पौधे लगाने से यह पता रहता है कि हमने पौधे कहां लगाए हैं और पौधों का जमाव भी अच्छा रहता है. सीधी बुवाई में जमाव में अंतर होता है. कहीं जमाव लेता है, कहीं जमाव नहीं लेता है. इससे काफी नुकसान हो रहा था.

FIRST PUBLISHED : December 27, 2024, 24:00 IST



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