गरीबी, तंगी, कोई सुविधा नहीं… फिर भी गैराजवाले की 2 बेटियों ने पास की MPSC! संघर्ष की ये कहानी रुला देगी


Agency:Local18

Last Updated:

MPSC Exam Success Story: संजीवनी और सरोजिनी भोजने ने आर्थिक तंगी के बावजूद महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा में सफलता पाई. उनके पिताजी ज्योतीराम भोजने का गैराज है माता-पिता और भाई के समर्थन से वे इस मुकाम तक …और पढ़ें

गरीबी, तंगी, कोई सुविधा नहीं… फिर भी गैराजवाले की 2 बेटियों ने पास की MPSC!

सोलापुर की बेटियों ने MPSC में पाई सफलता

हाइलाइट्स

  • संजीवनी और सरोजिनी ने MPSC परीक्षा पास की.
  • आर्थिक तंगी के बावजूद माता-पिता के समर्थन से सफलता पाई.
  • ज्योतीराम भोजने की बेटियों ने कठिनाइयों का सामना कर सफलता हासिल की.

इरफान पटेल/सोलापुर: घर की आर्थिक तंगी, पिताजी का गैराज का छोटा-मोटा काम, छह लोगों का परिवार चलाने की जद्दोजहद, जहां घर चलाने की चिंता थी, वहां बच्चों की पढ़ाई का तो सवाल ही नहीं उठता था, लेकिन पिताजी की जिद और बेटियों के दृढ़ निश्चय ने काम किया और गवली वस्ती के गैराजवाले की दोनों बेटियों ने महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा में सफलता पाई. संजीवनी और सरोजिनी, ये दोनों बहनें हैं. उनके पिताजी का नाम ज्योतीराम भोजने है, जिन्होंने सिर्फ पांचवीं तक पढ़ाई की है. संजीवनी और सरोजिनी ने बताया कि माता-पिता और भाई की मजबूत समर्थन से ही वे इस मुकाम तक पहुंच पाईं.

आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा
बता दें कि ज्योतीराम भोजने गवली वस्ती के कामगार बस्ती इलाके में रहते हैं. उन्होंने पांचवीं तक की पढ़ाई ओरोंडो प्राथमिक शाला में की है. आर्थिक तंगी के कारण वे आगे पढ़ाई नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने मेकॅनिकल क्षेत्र में काम शुरू किया. ज्योतीराम के तीन बच्चे हैं – संजीवनी, सरोजिनी और श्रीनिवास. ज्योतीराम को अपने पिता की बीमारी के दौरान आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. कुछ साल पहले उनके पिता का निधन हो गया, जिससे वे पूरी तरह से आर्थिक रूप से टूट गए थे. ऐसी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई का तो सवाल ही नहीं उठता था. लेकिन दोनों बेटियों ने बी.कॉम. तक की पढ़ाई पूरी की. बड़ी संजीवनी और छोटी सरोजिनी ने बी.कॉम. के बाद 2018 से MPSC की परीक्षा देना शुरू किया.

MPSC में सफलता पाने का एकमात्र लक्ष्य
सात साल के दौरान तीन साल कोरोना के कारण बेहद कठिन रहे. इस दौरान परीक्षाएं नहीं हो सकीं, जिससे वे दोनों निराश हो गईं. लेकिन उन्होंने अपने माता-पिता को यह नहीं दिखाया. संजीवनी और सरोजिनी, दोनों बहनें पक्की दोस्त बन गईं और MPSC में सफलता पाने का एकमात्र लक्ष्य सामने रखकर कठिनाइयों का सामना किया और आखिरकार सफलता पाई. मंगलवार रात साढ़े आठ बजे महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ और कामगार वस्ती में भोजने के घर में खुशी का माहौल छा गया.

संजीवनी और सरोजिनी ने सात साल में कुल छह MPSC की मुख्य परीक्षाएं दीं, लेकिन हर बार वे अंकों के कारण पीछे रह जाती थीं. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. आखिरकार, स्वामी समर्थ के भक्त संजीवनी और सरोजिनी को बुधवार की पूर्णिमा के एक दिन पहले रात को खुशखबरी मिली. माता-पिता ने खुशी के आंसू बहाए. कामगार वस्ती में गरीबी और गैराज की कमाई से दोनों बेटियों को पढ़ाने की खुशी माता-पिता के चेहरे पर दिख रही थी. भाई के समर्थन के साथ बहनें कैसे पीछे रह सकती थीं, यह इस मौके पर साबित हुआ.

युवक ने मानी दोस्त की सलाह, किया छोटा सा एक्सपेरिमेंट… सिर्फ डेढ़ एकड़ में कमाए 5 लाख

संजीवनी ज्योतीराम भोजने ने कहा कि माता-पिता के प्रयास और भाई की जिद के कारण ही आज हम दोनों ने MPSC में सफलता पाई है. घर की बेहद कठिन परिस्थितियों के बावजूद, केवल और केवल सामाजिक कार्य करने की इच्छा और माता-पिता और भाई की इच्छा पूरी करने के लिए दिन-रात मेहनत और पढ़ाई कर परिस्थितियों पर काबू पाकर सफलता हासिल की है. इसका मन से आनंद हो रहा है. तीन बार पीएसआई की परीक्षा दी. एक बार सेल्स टैक्स और एक बार टैक्स असिस्टेंट पद के लिए परीक्षा दी, लेकिन कुछ अंकों के कारण पीछे रह गईं. हालांकि, असफलता के बावजूद हार नहीं मानी. और आखिरकार मंगलवार को खुशी का दिन आया. MPSC पास कर मंत्रालय के राजस्व विभाग में क्लर्क के रूप में पोस्ट मिलेगी.

महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा का परिणाम मंगलवार रात साढ़े आठ बजे घोषित हुआ. इस परीक्षा में दोनों बहनों ने अच्छे अंक प्राप्त कर सफलता पाई. उनके माता-पिता की मेहनत का फल मिला. उनकी इस सफलता की पूरे सोलापुर में तारीफ हो रही है.

homenation

गरीबी, तंगी, कोई सुविधा नहीं… फिर भी गैराजवाले की 2 बेटियों ने पास की MPSC!



Source link

x