गाजा में युद्ध हार रहा इजरायल? हिजबुल्लाह के हमलों ने तोड़ी कमर, जंग के लिए सैनिकों का पड़ा टोटा


इजरायल से आई एक खबर ने दुनिया को चौंका दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में इजरायल के बहुत से सैनिकों की मौत चुकी है और अब वहां सैनिकों की भारी कमी पड़ने लगी है. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि इजरायल के नौजवान फौज में भर्ती नहीं होना चाहते. जब से दुनिया के सामने ये रिपोर्ट आई है, हर किसी की जुबान पर सिर्फ एक ही सवाल है… सवाल ये कि क्या बेंजामिन नेतन्याहू की युद्ध नीति फेल हो गई है? क्या गाजा युद्ध हार रहा है इजरायल? क्या हिजबुल्लाह के हमलों से इजरायल कमजोर पड़ गया है?

दरअसल यह खबर कई न्यूज पेपर की हेडलाइन बनी हुई है कि नेतन्याहू की सेना कमजोर पड़ गई है. नेतन्याहू की सेना थक चुकी है. नेतन्याहू के सैनिक युद्ध करने लायक ही नहीं बचे है.

7 अक्टूबर 2023… यही वो तारीख थी जब गाजा में हमास को खत्म करने का नेतन्याहू ने ऐलान किया था. नेतन्याहू ने कहा था कि जब तक हमास जिंदा है, हम चैन से नहीं बैठेगें. इस बात को एक साल से ज्यादा वक्त गुजर चुका है. और अब इसी जंग ने इजरायल की सेना के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. गाजा में भारी बमबारी के बाद भी हमास को न हारा पाने के बाद अब इजरायल सैनिकों की कमी से जूझने लगा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस कमी को पूरा करने के लिए इजरायल ने भाड़े के सैनिकों को अपनी सेना में भर्ती करने की तैयारी कर ली है.

इजरायली सेना के हौसले पस्त
गाजा में जंग लड़ते-लड़ते इजरायली सेना के हौसले पस्त हो चुके हैं. अरब मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई इजरायली सैनिक जंग के मैदान से भागने लगे हैं. इजरायल की रिज़र्व सेना ने भी जंग का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है. इसलिए अब इजरायल अपनी सेना में विदेशी लड़ाके भी भर्ती करने लगा है और इसके लिए वे लड़ाकों को कई तरह के लालच भी दे रहा है.

7 अक्टूबर के बाद से इजरायल के लगभग 783 सैनिक मारे गए हैं और 12 हजार सैनिक घायल हुए हैं. जानकारों को दावा है कि मरने वाले सैनिकों की तादाद इससे और ज़्यादा हो सकती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, घायलों में 140 सैनिक ऐसे हैं, जो अब कभी बिना सहारे के चल नहीं पाएंगे.

भाड़े के सैनिकों की भर्ती में जुटा इजरायल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल अपनी फोर्स में भाड़े के सैनिकों को भर्ती करने के लिए तरह तरह की लालच भी दे रहा है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि इजरायली सेना ने विदेशी सैनिकों की भर्ती के लिए नागरिकता का भी लालच दिया है.

article_image_1इजरायली अखबार हारेत्ज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सरकार ने एक भर्ती अभियान शुरू किया है, जिसके तहत अफ़्रीकी शरणार्थियों को गाजा युद्ध में भेजने के बदले स्थायी नागरिकता की भी पेशकश की गई है.

इजरायल की सेना इस वक्त लगभग 10 हजार सैनिकों की कमी से जूझ रही है और इजरायली अधिकारियों को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वो इस कमी को पूरा करें. इजरायली अधिकारी ऐसे शरणार्थियों की पहचान करेंगे और उन्हे सेना में भर्ती करेंगे. इजरायली सेना और आंतरिक मंत्रालय की ओर से इन शरणार्थियों को जंग की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके अलावा विदेशों से भी लड़ाकों को भर्ती किया जा रहा है.

इजरायली अखबार हारेत्ज के मुताबिक, इजरायल जर्मन खुफिया एजेंसी और दूसरे ग्रुप्स के मिलकर अफगानिस्तान, लीबिया और सीरिया से जर्मनी आए शरणार्थियों को भाड़े के सैनिकों के रूप में भर्ती कर रहा है. इसके बदले उन्हें इजरायल की फास्ट ट्रैक नागरिकता और 4 से 5 हजार यूरो प्रति माह वेतन की पेशकश की गई है. वहीं यूरोप से भी इजरायल अमेरिका की मिलिट्री कंपनी ब्लैकवॉटर की मदद से लड़ाके भर्ती कर रहा है.

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