गाजियाबाद में मंडरा रहा डेंगू का खतरा, रोजाना 35 घरों में मिल रहा लार्वा! फिर भी लापरवाही जारी


गाजियाबाद. दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मानसून के बाद डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. गाजियाबाद में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने डेंगू की रोकथाम के लिए घर-घर जाकर जांच अभियान शुरू किया है, लेकिन इसके बावजूद लोगों में लापरवाही देखने को मिल रही है. संचारी रोग नियंत्रण अभियान के बावजूद भी जागरूकता का अभाव बना हुआ है, जो चिंता का विषय है.

गाजियाबाद में प्रतिदिन 30 से 35 घरों में डेंगू का लार्वा पाया जा रहा है. मानसून के चलते डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर (डीबीसी) लगातार घरों का सर्वे कर रहे हैं और कूलरों में सबसे अधिक लार्वा मिल रहा है. जिला मलेरिया अधिकारी जीके मिश्रा के अनुसार, इस वर्ष अब तक डेंगू के 6 और मलेरिया के 8 मामले सामने आए हैं. बारिश के मौसम को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग डेंगू समेत अन्य संचारी रोगों की रोकथाम में जुटा हुआ है.

हर दिन हो रहा 5000 घरों का सर्वे
स्वास्थ्य विभाग ने 137 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर (डीबीसी) नियुक्त करने का फैसला किया है, जिसमें से 50 से अधिक की नियुक्ति हो चुकी है. इन टीमों ने घर-घर जाकर सर्वेक्षण शुरू कर दिया है. जीके मिश्रा के अनुसार, प्रतिदिन करीब 5 हजार घरों का सर्वे किया जा रहा है, जिसमें 30 से 35 घरों में डेंगू का लार्वा पाया जा रहा है. जुलाई में संचालित संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान भी करीब 600 घरों में लार्वा मिला था, लेकिन इसके बावजूद लोगों में जागरूकता की कमी बनी हुई है.

पिछले साल हाउसिंग सोसायटियों ने किया था विरोध
पिछले साल स्वास्थ्य विभाग को हाउसिंग सोसायटियों में लार्वा जांच के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा था. इस बार ऐसी स्थिति से बचने के लिए विभाग ने RWA (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) को पत्र जारी कर सहयोग की अपील की है. साथ ही डीबीसी कर्मियों को आई कार्ड भी जारी किए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं और सितंबर से जुर्माना लगाने की कार्रवाई भी शुरू की जाएगी.

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