गुजरात: बाढ़ में फंसे लोगों मदद करने पहुंचे बीएपीएस के संत और स्‍वयं सेवक, बंटवा रहे लंच पैकेज और जरूरी सामान


वड़ोदरा. गुजरात में भीषण बारिश की वजह से वड़ोदरा, जामनगर समेत कई इलाकों बाढ़ आ गयी है. हजारों लोग पानी में जगह-जगह फंसे हुए हैं. इस प्राकृतिक आपदा में बीएपीएस के संत और स्‍वयं सेवक संस्‍था के प्रमुख महंत स्‍वामी जी के मार्ग दर्शन में राहत कार्य में जुटे हैं. यह काम स्‍थानीय प्रशासन के अनुरोध पर किया जा रहा है.

बीएपीएस के स्‍वामी तीर्थ स्‍वरूपदास जी ने बताया कि वड़ोदरा में बाढ़ प्रभावित इलाके में 60,000 लोगों को गर्म खिचड़ी, 25,000 लोगों को गर्म शिरो (गुजराती खाना) और सेव, बूंदी, बिस्कुट और पीने के पानी सहित 50,000 से अधिक भोजन पैकेट बांटे गए.
वहीं, जामनगर में 5,000 भोजन पैकेट तैयार किए, जिनमें से 2,000 बीएपीएस स्वयंसेवकों द्वारा बाढ़ प्रभावितों को वितरित किए गए और 3,000 स्थानीय प्रशासन को सौंप दिए गए।

बीएपीएस प्राकृति आपदा में करती रही है मदद

बीएपीएस प्राकृति आपदा के दौरान देश के तमाम हिस्‍सों में मदद कर चुकी है. तमिलनाडु में 2004 सुनामी ने कई इलाकों में तबाही मचा दी थी. प्रभावित लोगों की सेवा बीड़ा बीएपीएस ने उठाया है. स्‍वयं सेवकों ने लोगों को ताजा खाना और जरूरी सामान उपलब्‍ध कराया गुजरात में 2001 में आए भूंकप के बाद बीएपीएस ने लोगों को जीविकोपार्जन के लिए सिलाई मशीन व अन्‍य जरूरी सामान उपलब्‍ध कराया, जिससे प्रभावित लोगों को जीवन चलाने में परेशानी न हो.

उड़ीसा में में आए चक्रवात के बीएपीएस के संत और स्‍वंय सेवकों ने प्रभावित इलाकों में घूम-घूम कर लोगों की सेवा की. रूस-यूक्रेन युद्ध में दौरान यूक्रेन में फंसे छात्रों की मदद बीएपीएस के स्‍वयंसेवकों ने की. उन्‍हें जरूरी समाज मुहैया कराया.

Tags: Flood alert, Hindu Temples



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