गोंडा का ये किसान बताएगा कैसे करें वर्मी कंपोस्ट बनाने का साइड बिजनेस



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गोंडा. उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक किसान द्वारा लगाया गया वर्मी कंपोस्ट खाद का प्लांट इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस प्लांट से उन्हें काफी फायदा हो रहा है. लोकल 18 से बातचीत में इस प्लांट को लगाने वाले सूर्य प्रसाद शुक्ला बताते हैं कि इस वर्मी कंपोस्ट खाद के प्लांट से उन्हें लाखों का फायदा हो रहा है।

सूर्य के अनुसार, कई किसान वर्मी कंपोस्ट खाद की मांग करते रहे हैं. इसलिए मेरे मन में विचार आया कि क्यों न इसका प्लांट ही लगा लिया जाए. वर्मी कंपोस्ट से उन्हें सालाना लगभग 6 से 7 लाख का टर्नओवर होता है. उनका उत्पाद महाशक्ति जैविक खाद के नाम से मार्केट में बिकता है.

सूर्य शुक्ला खेती के अलावा वर्मी कंपोस्ट का साइड बिजनेस करते हैं. वह कहते हैं कि उन्हें इस खाद की जानकारी भारतीय एग्रो इंडस्ट्रीज फाउंडेशन (Baif) से मिली. इसके बाद उन्होंने दिल्ली और कोलकाता समेत कई जगहों पर जाकर ट्रेनिंग ली. इसके बाद वर्मी कंपोस्ट का काम शुरू किया.

कंपोस्ट कैसे करें तैयार
सूर्य शुक्ला के अनुसार, गोबर को उठाकर वहां डालें जहां वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाता है. इसके बाद उसमें पानी डालते हैं. पानी डालने के बाद उसमें केंचुआ डालते हैं. ये वर्म (केंचुआ) ऑस्ट्रेलियाई केंचुआ होता है, जिसे आइसीनिया एन्ड्रेई (लाल केंचुआ) भी कहा जाता है.

रासायनिक खाद और इसमें अंतर
सूर्य शुक्ला कहते हैं कि रासायनिक खाद से पर्यावरण को नुकसान होता है और खेत में उर्वरक शक्ति धीरे-धीरे कम हो जाती है. जबकि वर्मी कंपोस्ट से किसी भी प्रकार से कोई नुकसान नहीं होता है. वर्मी कंपोस्ट के प्रयोग से मृदा की उर्वरक शक्ति अच्छी बनी रहती है.

Tags: Gonda news, Local18



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