गोभी की कर रहे खेती और पाना चाहते है बड़ा लाभ? सुखबीर सिंह की कहानी से समझें पूरा गुणा-गणित!


फरीदाबाद. बल्लभगढ़ के सुनपेड़ गांव के किसान सुखबीर सिंह गोभी की फसल उगाते हैं, जो उनके परिवार का मुख्य जीवन यापन का साधन है. सुखबीर दिन-रात खेतों में मेहनत करते हैं और लंबे समय से खेती से ही अपने परिवार की आवश्यकताएं पूरी कर रहे हैं.

गोभी की खेती की प्रक्रिया
सुखबीर ने Local18 को बताया कि उन्होंने गोभी की फसल एक बीघे में लगाई है. सबसे पहले उन्होंने खेत की जुताई की, फिर उसमें डीएपी खाद डाला और बाद में बीज लगाया. गोभी की फसल को तैयार होने में करीब 2 से 3 महीने का समय लगता है. यह फसल विशेष रूप से सर्दियों में लगाई जाती है और इसको पूरी तरह से तैयार होने में थोड़ा समय लगता है.

मण्डी में बिक्री
जब गोभी तैयार हो जाती है, तो सुखबीर इसे मण्डी में लेकर जाते हैं. मण्डी में आढ़तियों के माध्यम से गोभी बेची जाती है. सुखबीर ने बताया कि मण्डी में गोभी कभी महंगी तो कभी सस्ती होती है. पिछली बार गोभी का रेट 8 से 10 रुपये किलो के आसपास था. किसान गोभी को सस्ते दामों में बेचते हैं, जबकि खुदरा व्यापारी इसे 40 रुपये किलो तक बेचते हैं, जिससे व्यापारियों का लाभ अधिक होता है.

गोभी की देखभाल और सिंचाई
गोभी की फसल में कई बार कीड़े लग जाते हैं, जिसे नियंत्रित करने के लिए किसान 505 दवाई और कालिया का उपयोग करते हैं. सर्दियों में सिंचाई 8 से 10 दिन में एक बार की जाती है, जबकि गर्मियों में अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है. सुखबीर अपने खेतों की देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ते और फसल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पूरी मेहनत से काम करते हैं.
Edited By- Anand Pandey

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