घाटी में गिरती लाश देख, कांप गया है कलेजा, फेल हुआ दुश्मनों का ‘मिशन कश्मीर’
Jammu-Kashmir: धारा 370 में बदलाव के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा बदलाव यह देखा गया है कि कश्मीरी युवा अब आतंकी गतिविधियों से दूर हो रहे हैं. जो युवा पहले आतंक का रास्ता चुनते थे, अब वे रोजगार में व्यस्त हैं. पत्थरबाजी करने वाले लोग भी अब नहीं बचे हैं. इस बदलाव ने पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अब पाकिस्तानी आतंकी कश्मीरी युवाओं को बरगलाने में नाकाम हो रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, इस साल अब तक सिर्फ 2 कश्मीरी युवाओं के आतंकी संगठनों में शामिल होने की खबर है. पिछले सालों में जहां यह संख्या तीन अंकों में होती थी, अब यह सिंगल डिजिट में सिमट गई है. पिछले साल भी यह आंकड़ा कम था. 2022 में 121, 2021 में 149 और 2020 में 191 युवाओं ने आतंकी संगठनों को ज्वाइन किया था. लगातार गिरते भर्ती ग्राफ से यह साफ है कि केंद्र सरकार की नीतियों से अब आम कश्मीरी सहमत हो रहे हैं.
ज्यादा पाकिस्तानी आतंकी
कश्मीर में स्थानीय आतंकियों से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकी हैं. एक अनुमान के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में 250 से 300 आतंकी मौजूद हैं, जिनमें पाकिस्तानी और स्थानीय दोनों शामिल हैं. लेकिन अब स्थानीय आतंकियों की संख्या में जबरदस्त गिरावट आई है.
घुसपैठ में कमी
LOC से घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है और सेना का ऑपरेशन ऑल आउट तेज हो गया है. घाटी में आतंकी सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सेना ने भी मोर्चा संभाल रखा है. बर्फबारी से पहले कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन जारी हैं. पिछले एक हफ्ते से लगातार ऑपरेशन चल रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक 61 आतंकियों को मार गिराया गया है, जिनमें से 21 पाकिस्तानी हैं.
बदलाव की बयार
जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी की आतंक चाल को सुरक्षाबल और स्थानीय लोग मिल कर जमींदोज़ करने में जुटे है. पहले तो घाटी में एनकाउंटर के समय लोकल ऑपरेशन को बाधित करने के लिए भीड़ इकट्टठा हो कर पत्थर बाजी करते थे. लेकिन, अब इस तरह की घटना ना के बराबर हो गई है ..यानी कह सकते है अब कश्मीर में बदलाव की बयार बह रही है और इसी बहाव में पाकिस्तान के मनसूबे भी बह रहे है.
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FIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 14:00 IST