चंद्रयान 3 ने क‍िया बड़ा कमाल, प्रज्ञान रोवर जुटाई ऐसी जानकारी, इसरो के साइंटिस्‍ट गदगद


नई द‍िल्‍ली,  चंद्रयान 3 की सफलता के साथ ही भारत ने इत‍िहास रच दिया था. इसके साथ ही भारत सफलतापूर्व चंद्रमा के दक्ष‍िणी ध्रुप पर उतरने वाला पहला देश बन गया था. लेकिन अब उसके प्रज्ञान रोवर ने कुछ ऐसी जानकारी जुटाई है, जिसे देखकर इसरो के साइंटिस्‍ट भी गदगद हैं. चंद्रयान के प्रज्ञान रोवर ने श‍िवशक्‍त‍ि प्‍वाइंट के पास कई अहम खोज की है. वैज्ञान‍िकों के मुताबिक, इससे उस इलाके में मौजूद चांद की चट्टानों के बारे में पूरी जानकारी हास‍िल हो सकती है.

इसरो के साइंट‍िस्‍ट अब चांद की अगली तैयारी में लग गए हैं. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने एक दिन पहले ही नए म‍िशन चंद्रयान-4 को लेकर बड़ी खुशखबरी दी. बताया है कि जिस जगह चंद्रयान-3 ने लैंडिंग की थी, वहां से चंद्रयान-4 मून रॉक्स या चट्टानें लेकर आएगा. साइंटिस्‍ट इसकी तैयारी कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने उस जगह का नाम श‍िवशक्‍त‍ि प्‍वाइंट दिया था, जहां चंद्रयान 3 उतरा था.

अब इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रयान 3 के रोवर प्रज्ञान ने चांद की धरती पर 103 मीटर की दूरी तय की. वह मैं‍जिनस और वोगुस्‍लावस्‍की क्रैटर के बीच चला था. वहां से कई जानकार‍ियां मिली हैं. इस इलाके में वैज्ञान‍िकों की काफी द‍िलचस्‍पी है. क्‍योंक‍ि उन्‍हें लगता है क‍ि अगर यहां से जानकारी हाथ लग गई, तो चांद को समझना और आसान हो जाएगा. यहीं पर प्रज्ञान को चट्टानों को छोटे-छोटे टुकड़े म‍िले हैं. अब पता चला है क‍ि इनमें से क‍िसी चट्टान का डायमीटर 2 मीटर से ज्‍यादा नहीं है.

बता दें कि हाल ही में चीन चंद्रमा से वहां का सैंपल, जिसमें मिट्टी और चट्टानों के कुछ टुकड़े हैं, लेकर वापस धरती पर लौटा है, जिसके बाद पूरी दुनिया के वैज्ञानिक उसे बधाई दे रहे हैं. अब यही काम भारत भी करने वाला है. अगर भारत ऐसा करने में सफल हो गया, तो उसकी अंतर‍िक्ष उड़ान में यह मील का पत्‍थर साबित हो सकता है.



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