चंबल नदी से शिफ्ट किए जाएंगे घड़ियाल, पंजाब की व्यास नदी नया ठिकाना 


अरविंद शर्मा/भिंड. चंबल नदी को घड़ियालों का नया बसेरा पंजाब की व्यास नदी होगी. इसके लिए डब्ल्यूआईआईट की टीम नदी में सर्वे कर रही है. सर्वे पूरा होते ही घड़ियालों को पंजाब की व्यास नदी ले जाकर छोड़ दिया जाएगा. वर्तमान में चंबल नदी में घड़ियाल की संख्या सबसे अधिक है. ऐसे में इस नदी से कुछ घड़ियालों को पंजाब की व्यास नदी में ले जाया जाएगा. इसके लिए नदी में भिंड से मुरैना तक सर्वे किया जा रहा है.

डीएफओ स्वरूप दीक्षित ने बातचीत में बताया कि भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून (डब्ल्यूआईआईट) के शोधकर्ता चंबल नदी में घड़ियाल की वहन क्षमताओं का सर्वे कर रहे हैं. इसमें घड़ियाल की वहन क्षमता कैरिंग (कैपिसिटी) वर्तमान में 2500 के करीब चल रही है. हर साल देवरी घड़ियाल सेंटर से चंबल में घड़ियाल छोड़े जाते हैं. इस बार इन्हें अन्य नदियों में छोड़ा जाएगा.

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घड़ियालों की सबसे अधिक संख्या चंबल में

घड़ियाल की बात करें तो दुनिया में सबसे ज्यादा घड़ियाल चंबल नदी में हैं. वर्तमान में 2176 घड़ियाल चंबल नदी में हैं. दुनिया में घड़ियालों की मौजूदगी भारत के अलावा नेपाल व बांग्लादेश की नदियों में अधिक है. जानकर हैरानी होगी कि भारत व नेपाल की 5 मुख्य नदियों, गंडक नदी बिहार (260 घड़ियाल), गिरवा नदी उप्र (251 घड़ियाल), नेपाल की नारायण (90 घड़ियाल), राप्ती नदी नेपाल (82 घड़ियाल) और उत्तराखण्ड की रामगंगा नदी में (64 घड़ियाल) सर्वे में पाए गए हैं. घड़ियालों की संख्या वाली इन 5 नदियों में कुल 747 घड़ियाल हैं. इन पांचों की तुलना में चंबल नदी के घड़ियालों की संख्या लगभग तीन गुना है.

पानी को स्वच्छ रखते हैं घड़ियाल

चंबल नदी में वर्तमान में 2100 से ऊपर करीब घड़ियाल हैं. ऐसे में घड़ियाल अधिक होने की वजह से यहां से घड़ियाल पंजाब जा सकते है. कहा जाता है कि घड़ियाल पानी को स्वच्छ रखते हैं. इसलिए घड़ियालों को चंबल के पानी को स्वच्छ रखने के लिए शिफ्ट किया जाता है.

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