चमत्कारों से भरा पड़ा है मां संतोषी का यह मंदिर, दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है माता! जानें मान्यता


बहराइच: यूपी के बहराइच शहर में स्थित मां संतोषी का पचास साल पुराना मन्दिर है. यह  अनेकों मान्यताओं से पूर्ण है. यहां लोग मां के पास अपनी मनोकामनाओं की अरदास लगाने आते हैं. इन अरदासों  में संतान प्राप्ति की अरदास, पुत्र-पुत्री के विवाह की अरदास, नौकरी की अरदास. ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से मां के इस दरबार में जो भी भक्त मन्नत मांगता है,  मां उसकी मनोकामना जरुर पूरी करती  है. यह मंदिर काफी चमत्कारी मंदिर है. मान्यता है कि यहां मां संतोषी  दिन में तीन बार अपना स्वरुप बदलती है.

इन रूपों में देती है भक्तो को मां दर्शन!

वैसे तो सच्चे मन से देखने पर मां आपको सभी रूप में दिख जाएगी. लेकिन ऐसा माना जाता है मां के इस मंदिर में संतोषी मां का दिन में तीन बार रूप बदलता है. जिसमें प्रथम बाल्यावस्था. इस अवस्था की अवधि 6 वर्ष की आयु से लेकर 12 वर्ष तक की होती है. मां का दूसरा रूप प्रौढ़ावस्था है. मां का तीसरा और अंतिम रूप युवावस्था का होता  है, जिस रूप में दर्शन देकर मां भक्तों  का भला करती है.

कब हुआ था मन्दिर का निर्माण!

वैसे तो यह स्थान बहुत पुराना नहीं है, लेकिन मान्यताओं को लेकर बहुत प्रसिद्ध स्थान है. इसका निर्माण बहराइच शहर में लगभग 1000 वर्ष पूर्व आए हिंदू समाज के एक सेठ ने संतान प्राप्ति के लिए साल  1969 में कानपुर के कुशल कारीगरों द्वारा कराया था. मां जिस जगह विराजमान है, उस स्थान को आप देखकर आश्चर्य में पड़ जाएंगे. यहां द्वार पर रहस्यमई चित्र बने हुए हैं. जो श्रद्धालुओं के मन में एक न एक सवाल छोड़ते हैं. संतोषी मां का मंदिर होने के नाते हर शुक्रवार को मंदिर में विशेष पूजा अर्चना होती है. अगर आप भी मां संतोषी का दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको बहराइच शहर के बीचों-बीच घंटाघर पावर हाउस के सामने गली में आना पड़ेगा. जहां आपको पूजा सामग्री की अनेकों दुकानों के बीच मां का यह दरबार नजर आ जाएगा.

Tags: Hindi news, Local18, Religion 18

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



Source link

x