भारत उत्पादन की बात हो तो असम, केरल और पश्चिम बंगाल का जिक्र आता है. लेकिन क्या आपको पता है कि दार्जिलिंग में एक विशेष चाय उगाई जाती है, जो दुनिया की सबसे महंगी चाय में से एक है. हम बात कर रहे सिल्वर टिप्स इम्पीरियल चाय की. यह दुर्लभ किस्म की चाय पत्ती है और इसे पूर्णमासी की रात में ही तोड़ा जाता है. सालभर में सिर्फ चार या पांच बार ही इसकी तुड़ाई होती है.
सिल्वर टिप्स इम्पीरियल चाय को कुछ खास लोग ही तोड़ते हैं जिनका ताल्लुक मकाईबाड़ी चाय बागान से है. पूर्णमासी की रात ये लोग हाथ में मशाल लेकर इसकी कलियां चुनते हैं. तस्वीरों में भी आप देख सकते हैं कि कैसे एक हाथ में मशाल और दूसरे हाथ से कलियां चुनने का काम हो रहा है.
बागान मजदूरों के मुताबिक, इस चाय में धरती का हर जादू, ब्रह्मांड का हर राज और मिट्टी की सारी ताकत समाई हुई है. चटख चांदनी रात में गाते-गुनगुनाते मजदूर कलियां चुनते हैं और भोर होने से पहले पैक कर भेज भी दिया जाता है. माना जाता है कि सूर्य की किरण अगर इस पर पड़ गई तो इसकी खुशबू कम हो जाती है.
दार्जिलिंग में यह चाय केवल 100-150 किलो ही पैदा होती है. और इसे अमेरिका, जापान, ब्रिटेन के खरीदार ले जाते हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक, ब्रिटिश राजघराना इस चाय का दीवाना है. अक्सर वहां चाय भेजी जाती रही है. इसे तोड़ने की प्रकिया इतनी खास है कि देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं.
कुछ लोगों का यह भी दावा है कि पूर्णिमा के दिन समुद्र में ज्वार आता है, जो काफी ताकतवर होता है. उस वक्त पूरे ब्रह्मांड की शक्ति धरती पर असर डालती है. ऐसे मौके पर जो भी चीज तैयार की जाती है, वह बहुत ताकतवर होती है. इसलिए चाय को भी पूर्णिमा के दिन ही तोड़ा जाता है. यह चाय विशेष कलियों से बनती है जो चांदी की सुइयों की तरह दिखती हैं.
इसकी कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे. 2014 में एक बार इसकी नीलामी की गई थी, तब एक किलो चाय 1.53 लाख रुपये में बिकी थी. फिलहाल मकाईबारी वेबसाइट पर 50 ग्राम चाय की कीमत 36 डॉलर यानी 3000 रुपये है. किलो के हिसाब से देखें तो लगभग 60 हजार रुपये में यह उपलब्ध है. चाय बागान के मुताबिक, यह यंग बनाए रखने में काफी मददगार है. (Photo_Social Media)
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