चांद पर कौन बेच रहा जमीन, कैसे खरीदी-बेची जाती है, कौन है इसका मालिक? जानें सवालों के जवाब
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नई दिल्ली. भारत का चंद्रयान 3 चांद के लिए रवाना हो गया है. इसके बाद एक बार फिर चंद्रमा पर जीवन की संभावनाओं को लेकर बहस चल रही है. इस बीच चांद पर जमीन की रजिस्ट्री भी चर्चा में है. अब सवाल यही है कि चांद पर किस देश का मालिकाना हक है? यदि किसी का नहीं तो फिर धरती पर रहकर कुछ कंपनियां चांद पर जमीन कैसे बेचने का दावा करती हैं? चांद पर जमीन खरीदने वालों में कई बड़ी हस्तियों के नाम भी सामने आते रहे हैं. इनमें कई उद्योगपति हैं तो कई फिल्मी सितारे.
अंतरिक्ष यानि की चांद, सितारे और अन्य वस्तुएं किसी भी देश के अधीन नहीं आता. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून के आधार पर चांद पर जमीन खरीदना कानूनी तौर पर मान्य नहीं है. हालांकि कुछ कंपनियां दावा करती हैं कि ‘कानून (ट्रीटी) देशों को अधिकार जताने से रोकती है न कि नागरिकों को’. इसलिए व्यक्तिगत तौर पर कोई भी व्यक्ति चांद पर कानूनी रूप से जमीन खरीद सकता है.
ये कंपनियां करती हैं चांद पर जमीन बेचने का दावा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक Luna Society International और International Lunar Lands Registry ऐसी कंपनी है जो चांद पर जमीन बेचने का दावा करती है. इन कंपनियों के द्वारा 2002 में ही हैदराबाद के राजीव बागड़ी और 2006 बेंगलुरू के ललित मोहता ने भी चांद पर प्लॉट खरीदा था. इन लोगों का मानना है की चांद पर आज नहीं तो कल जीवन तो बसना ही है. दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने चांद पर जमीन का एक टुकड़ा खरीदा था, जबकि शाहरूख खान को ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले उनके एक फैन ने चांद पर जमीन खरीदकर गिफ्ट की थी.
क्या है चंद्रमा पर जमीन की कीमत
Lunarregistry.com के मुताबिक, चांद पर एक एकड़ जमीन की कीमत USD 37.50 यानि करीब 3075 रुपए है. जब जमीन की कीमत तय है तो सवाल ये भी उठता है कि आखिर चांद का मालिक कौन है? Outer Space Treaty 1967 के मुताबिक, अंतरिक्ष के किसी भी ग्रह या फिर चांद पर किसी भी एक देश या व्यक्ति का अधिकार नहीं है. चांद पर बेशक किसी भी देश का झंडा लगा हो, लेकिन चांद का मालिक कोई नहीं बन सकता.
चांद पर जमीन की बिक्री कैसे जायज?
Space Law पर कई किताबें लिख चुके लेखक डॉ. जिल स्टुअर्ट (Dr.Jill Stuart) ने अपनी किताब The Moon Exhibition Book में लिखा है कि चांद पर जमीन खरीदना और किसी को गिफ्ट करना एक फैशन बन चुका है. किसी भी देश का चांद पर कोई अधिकार नहीं है. फिर कंपनियां रजिस्ट्री कैसे कर रही हैं? यानि चांद पर जमीन बेचने का काम एक गोरखधंधा है और अब ये Million Dollar Business बन चुका है. 3 हजार रुपया एकड़ लोगों को सस्ता लगता है और इसीलिए वे चांद पर जमीन की रजिस्ट्री कराने में कोई सोच विचार नहीं करते.
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Tags: Chandrayaan-3, Mission Moon, Space knowledge, Space tourism
FIRST PUBLISHED : July 16, 2023, 04:00 IST
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