चार महीने में जल गए 123 ट्रांसफार्मर, कई गांवों में हप्ते दिन नहीं रहती बिजली, जानिए क्या है मुख्य कारण


भरत कुमार चौबे/सीतामढ़ी: गर्मी आते ही बिजली की मांग काफी बढ़ जाती है जिसके वजह से अधिक लोड पड़ने कारण बार-बार फ्यूज उड़ जाता है और कतिपय कारणों से ट्रांसफॉमर जलने लगते है. यदि सीतामढ़ी आपूर्ति प्रमंडल कार्यालय के आंकड़ों को देखा जाए तो जिस माह में सबसे अधिक गर्मी पड़ती है उस माह में सबसे अधिक ट्रांसफॉर्मर जलने की शिकायत रहती है. विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सीतामढ़ी प्रमंडल में अप्रैल माह 2024 से जुलाई 2024 तक कुल 123 ट्रांसफॉर्मर जले हैं, जिसमें अप्रैल माह में 20, मई माह में 18, जून माह में 29 एवं सबसे अधिक जुलाई माह में 56 ट्रांसफॉर्मर जले हैं.

ट्रांसफॉर्मर फूंकने या जलने के बाद उपभोक्ताओं को शहरी क्षेत्र में कम से कम 24 घंटा एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घंटा यानी तीन दिन बिजली के लिए इंतजार करना पड़ता है. कही – कही ऐसी शिकायत आती है की 7 से 8 दिन तक बिजली आपूर्ति बंद रहता है. विभाग के द्वारा अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाकर विद्युत आपूर्ति बहाल की जाती है. कार्यपालक अभियंता ने दावा किया है कि सभी जले ट्रांसफॉर्मर को बदल कर नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जा चुके है और विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बहाल कर दी गई है.

ऐसे समझे ग्रिड का गणित
जिले में उमस भरी गर्मी में बिजली विभाग के मेंटेनेंस कार्य से लेकर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था की पोल खुल जाती है. जहां ट्रांसमिशन के ग्रिड की क्षमता के आधे ही लोड में ट्रांसफॉर्मर जलने लगता है. जिलेभर के चार ट्रांसमिशन ग्रिड से प्रतिदिन 264 मेगावाट बिजली ऊपर से मुहैया होकर सप्लाई की जा सकती है. सीतामढ़ी ट्रांसमिशन प्रमंडल कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के ट्रांसमिशन ग्रिड सिमरा में 50-50 एमवीए के तीन ट्रांसर्फामर से कुल 150 एमवीए व 120 मेगावाट, सुरसंड ग्रिड से 50 और 20 एमवीए के दो ट्रांसफॉर्मर से 70 एमवीए 56 मेगावाट, रुन्नीसैदपुर ग्रिड से भी 50 एवं 20 एमवीए के दो ट्रांसफॉर्मर से 56 मेगावाट एवं बेलसंड ग्रिड से 20-20 एमवीए के दो ट्रांसफॉर्मर से 40 एमवीए 32 मेगावाट जिले को कुल 264 मेगावाट प्रतिदिन बिजली मुहैया हो रही है.

आलम यह है कि उमसभरी गर्मी में इस वर्ष जुलाई माह में मैक्सीमम जिलेभर में 198 से 199 मेगावाट लोड पड़ने पर ही पूरे जिले की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई थी. कई पीएससी द्वारा तुरंत लोड कम कर दिया गया. यही कारण है कि जुलाई माह में केवल सीतामढ़ी प्रमंडल (सीतामढ़ी शहर सहित मात्र जिले के कुल 17 प्रखंडों में आठ प्रखंडों में) में सबसे अधिक 56 ट्रांसफॉर्मर फूंक गए. यही नहीं ग्रिड के जानकारों के अनुसार कई प्रखंड व ग्रामीण क्षेत्रों में लचर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के कारण 24 घंटा ग्रिड से पावर सब स्टेशन को सप्लाई होने के बाद भी गर्मी में 10 से 12 घंटा ही बिजली मिल रही है.

करीब पांच दर्जन से अधिक ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ी
सीतामढ़ी विद्युत आपूर्ति प्रमंडल के विभिन्न प्रशाखा के कनिय अभियंताओं से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष गर्मी में बढ़ते लोड के कारण करीब पांच दर्जन से अधिक ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ायी गयी है. इसमें विभिन्न फिडरों के मांग के अनुरुप 25 केबीए ट्रांसफॉर्मर को 63 केबीए, 63 केबीए को 100 केबीए, 100 केबीए को 200 केबीए, 200 केबीए वाले को 315 केबीए एवं 315 केबीए ट्रांसफॉर्मर वाले जगहों पर आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है. जहां सीतामढ़ी प्रमंडल में विभिन्न केबीए के कुल तीन हजार 440 ट्रांसफॉर्मर अधिष्ठापित है. शहर के डुमरा रोड, आदर्शनगर, कॉलेज रोड, गांधी चौक आदि स्थानों समेत कई ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित है.

सीतामढ़ी ट्रांसमिशन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रामराज सिंह ने बताया ग्रिडों के भी ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने की योजना प्रस्तावित है. लेकिन अभी इसकी आवश्यकता नहीं है. जिलेभर को जितना आवश्यकता है उससे अधिक बिजली मुहैया कराने की क्षमता ग्रिड को मौजूद है. कहा कि सिमरा ग्रिड को 150 से 180 एमवीए व अन्य ग्रिड की भी क्षमता 20 फीसदी बढ़ाने की प्रस्तावित है.

Tags: Bihar News, Local18



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