चिड़ियाघर से गौरी की हुई नम आंखों से विदाई, बोतल में दूध पिलाकर किया गया था बड़ा, अब गुजरात में पर्यटक उठाएंगे लुफ्त


Agency:News18 Uttar Pradesh

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Kanpur Zoo: यूपी के कानपुर चिड़ियाघर से गौरी ( मादा गैंडा) को गुजरात के चिड़ियाघर में भेज दिया गया है. यहां चिड़िया घर के लोगों ने नम आंखों से उसकी विदाई की. बता दें कि एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत गुजरात के…और पढ़ें

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गौरी

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हाइलाइट्स

  • गौरी को गुजरात चिड़ियाघर भेजा गया.
  • कानपुर चिड़ियाघर ने गौरी को बच्चे की तरह पाला.
  • गौरी की विदाई पर चिड़ियाघर प्रशासन की आंखें नम.

कानपुर: आपको कानपुर की गौरी ( मादा गैंडा) याद होगी. वही गौरी जिसके जन्म के कुछ दिन बाद ही उसके मां की मौत हो गई थी. फिर गौरी को कानपुर प्राणी उद्यान ने एक बच्चे की तरह पाल पोश कर बड़ा किया. उसके ख्याल रखने के लिए 24 घंटे कोई ना कोई उसके साथ रहता था और उसे एक बच्चे के तरीके कानपुर प्राणी उद्यान में रखा गया. कानपुर चिड़ियाघर के प्रशासनिक अधिकारी और कीपर की इसके साथ विशेष लगाव था, लेकिन अभी यह यहां से दूर चली गई है, जिसके बाद हर किसी की आंखे नम हैं. क्योंकि इससे हर किसी को विशेष लगाव था.

गौरी का बच्चे की तरह रखा गया ख्याल

बता दें कि मादा राइनो (गैंडा) मानु ने गौरी को जन्म दिया था. जन्म के कुछ दिन बाद ही मानु की मौत हो गई थी. जिसके बाद चिड़ियाघर प्रशासन के ऊपर बिन मां की बच्ची को पालने की जिम्मेदारी थी. इसके बाद प्राणी उद्यान में जिस प्रकार से एक इंसान के बच्चे का ख्याल रखा जाता है. उस तरीके से गोरी का ख्याल रखा गया. 24 घंटे उसके साथ कीपर की तैनाती की गई और उसे बोतल से बच्चे की तरह दूध पिलाया गया. साथ ही उसका ख्याल रखते हुए बड़ा किया गया. 1 साल की होने पर एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत गौरी को वन तारा चिड़ियाघर भेज दिया गया.

नम आंखों से किया गया गुजरात विदा

जिस प्रकार कोई बच्चा अपने मां-बाप से दूर होता है. इस तरीके से गोरी भी चिड़ियाघर प्रशासन और यहां के लोगों से दूर गुजरात चली गई है. नाम आंखों से चिड़ियाघर प्रशासन ने गौरी को यहां से भेजा है. उसके यहां से जाने से यहां मौजूद राइनो भी अकेला महसूस कर रहा है.

कानपुर पहाड़ी उद्यान के रेंजर नावेद इकराम ने बताया कि एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत गुजरात के चिड़ियाघर से हमारे यहां कई नए वन्य जीव आए हैं. ऐसे में यहां से भी कई वन्य जीव वहां भेजे गए हैं. जिसमें गौरी को भी भेजा गया है. गौरी हमारे लिए बेहद खास थी. क्योंकि उसका ख्याल एक बच्चे की तरह किया गया था. उन्होंने बिन मां की बच्ची को अपने बच्चों की तरह पाल पोशकर बड़ा किया था.

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