चित्रकूट आने वाले लोग इस ‘सेना’ से रहें सावधान, कर सकते हैं नुकसान, पुजारी ने बताई रोचक वजह


चित्रकूट: भगवान राम से जुड़े होने के कारण चित्रकूट एक धर्मनगरी के रूप में प्रसिद्ध है. भगवान राम ने अपने वनवास काल के साढ़े ग्यारह वर्ष यहां बिताए थे. ऐसे में यहां भगवान राम और मां सीता से जुड़े कई तीर्थ स्थल हैं जिनके दर्शन और भ्रमण के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग यहां आते हैं. जैसे-जैसे यहां आने वाले लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है उसी तरह यहां सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही हैं. लेकिन यहां के शरारती बंदरों की समस्या का कोई हल नहीं दिख रहा.

चित्रकूट आने वाले श्रद्धालुओं को यहां के शरारती बंदरों का सामना करना पड़ता है. ये बंदर मौका लगते ही लोगों के खाने के सामान सहित प्रसाद और उनके कीमती सामान लेकर भग जाते हैं. उनकी इस छीना झपटी में कई बार लोग डर जाते हैं और गिरने से चोटिल हो जाते हैं.

श्रद्धालुओं का सामान लेकर भाग जाती है वानर सेना 

चित्रकूट के प्रसिद्ध घाटों और मंदिरों से लेकर यहां के रेलवे स्टेशन तक बड़ी संख्या में बंदर होते हैं. चित्रकूट में आपको दो तरह के बंदर पर्याप्त मात्रा में देखने को मिलते हैं. यहां लंगूर बंदर और बंदर दोनों ही लगभग बराबर हैं. मथुरा में भी इसी तरह बंदर एक ही पैटर्न पर शरारत करते हैं. वो अधिकतर लोगों का महंगा सामान मोबाइल, पर्स या चश्मा छीनते हैं और उसके बदले…

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ये बंदर लोगों के चप्पल से लेकर प्रसाद तक छीन लेते हैं. खाने वाली चीजों को खा जाते हैं और बाकी सामान को अपने नुकीले दांतों से या तो तोड़ देते हैं या गिरा देते हैं तो सामान टूट जाता है. अगर श्रद्धालु अपने खाने के लिए केला, सेब, पूड़ी-सब्जी आदि लिए हुए हैं और वो इनकी नजर में दिख गया तो फिर ये लोगों को बकायदा रोककर उनका सामान छीन लेते हैं. इनके डर से लोग सामान छोड़ देते हैं और ये आसानी से ले जाते हैं.

पुजारी ने दी जानकारी
चित्रकूट तोता मुखी हनुमान मंदिर के पुजारी मोहित दास ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि चित्रकूट में वानर सेना काफी ज्यादा है. उसके पीछे का कारण यह है कि यहां प्रभु श्री राम ने वनवास काल का समय काटा है और उन्हीं के साथ बजरंगबली भी चित्रकूट आए थे इसलिए यहां वानर सेना भी मौजूद है.

उन्होंने बताया कि यहां की वानर सेना किसी का नुकसान नहीं करती है बल्कि जो भी श्रद्धालु चप्पल पहन कर आता है वह उनकी चप्पलों को गायब कर देते हैं. इसके पीछे का कारण यह है कि वानर सेना का मानना है कि अगर आप प्रभु के द्वारा आए हैं तो आप चप्पल को उतार कर ही आएं. इसके साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि यहां की वानर सेना खाने-पीने का सामान तुरंत अपनी तरफ खींच लेती है. इसलिए अगर कोई भी चित्रकूट आ रहा है तो उसको थोड़ा सावधान होने की जरूरत है.

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